रिपोर्ट अग्रसेन विश्वकर्मा IBN24x7 News देवरिया
देवरिया - खामपार के गोबरही में तो मात्र चार डिस्मिल जमीन ने अठारह माह में तीन लोगों की जान ले ली। कइयों को इस विवाद में महीनों तक जेल की हवा भी खानी पड़ी। साथ ही दोनों परिवारों को पूरी तरह से यह विवाद बर्बाद कर दिया।
पहले हर विवाद का हल पंचायत में होता था और लोग विवाद करने से पहले ¨चतन करते थे, लेकिन आज-कल छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद हो रहे हैं और जान तक चली जा रही है। बताया जा रहा है कि रामदरश व उसके पट्टीदार के बीच दरवाजे के समीप स्थित एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। विवाद इतना बढ़ गया कि 16 जून 2016 को भी इस मामले में गोली चली और फरसा तक चला।
जिसमें नत्थू यादव की मौत हो गई, जबकि संजय, सुभाष व सरस्वती घायल हो गई थी। इस मामले में दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज हुआ था और रामदरश समेत कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी। कुछ माह पहले ही रामदरश इस हत्या कांड में जमानत पर घर आया था। एक बार फिर यह विवाद बढ़ गया और रामदरश, उसकी पत्नी इस छोटे से विवाद में इस दुनिया को अलविदा कह दिए। लोगों का कहना है कि अगर थोड़ा सा भी धैर्य का परिचय लोग दिए रहते तो शायद तीन लोगों की जान नहीं जाती।
देवरिया - खामपार के गोबरही में तो मात्र चार डिस्मिल जमीन ने अठारह माह में तीन लोगों की जान ले ली। कइयों को इस विवाद में महीनों तक जेल की हवा भी खानी पड़ी। साथ ही दोनों परिवारों को पूरी तरह से यह विवाद बर्बाद कर दिया।
पहले हर विवाद का हल पंचायत में होता था और लोग विवाद करने से पहले ¨चतन करते थे, लेकिन आज-कल छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद हो रहे हैं और जान तक चली जा रही है। बताया जा रहा है कि रामदरश व उसके पट्टीदार के बीच दरवाजे के समीप स्थित एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। विवाद इतना बढ़ गया कि 16 जून 2016 को भी इस मामले में गोली चली और फरसा तक चला।
जिसमें नत्थू यादव की मौत हो गई, जबकि संजय, सुभाष व सरस्वती घायल हो गई थी। इस मामले में दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज हुआ था और रामदरश समेत कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी। कुछ माह पहले ही रामदरश इस हत्या कांड में जमानत पर घर आया था। एक बार फिर यह विवाद बढ़ गया और रामदरश, उसकी पत्नी इस छोटे से विवाद में इस दुनिया को अलविदा कह दिए। लोगों का कहना है कि अगर थोड़ा सा भी धैर्य का परिचय लोग दिए रहते तो शायद तीन लोगों की जान नहीं जाती।
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