रिपोर्ट IBN24x7 News
इलाहाबाद - शास्त्री पुल पर मंगलवार दोपहर बाइक सवार युवक आफताब गोली लगने से घायल हो गया। वह हंडिया से शहर आ रहा था तभी उसके पेट में गोली लगी। घायलावस्था में उसने पहले दोस्त को फोन किया फिर खुद बाइक मोड़कर झूंसी में अपने रिश्तेदार के पास जाकर घटना के बारे में बताया। उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से पुलिस ने दारागंज थाने में सूचना दी। दारागंज के साथ ही झूंसी पुलिस ने अस्पताल जाकर युवक से इस बाबत जानकारी ली।
हंडिया कस्बे में रहने वाले नन्हे के तीन पुत्रों में दूसरे नंबर का आफताब (27) अपने चाचा बन्ने के साथ रहकर फलों का धंधा करता है। चाचा बन्ने सब्जी की दुकान लगाते हैं। मंगलवार दोपहर वह चाचा को बताए बिना बाइक पर शहर के लिए रवाना हो गया। करीब दो बजे शास्त्री पुल पर कुछ ही दूर जाते ही उसके पेट पर गोली धंसी। वह चीखते हुए बाइक समेत लुढ़क गया। फिर उसने मोबाइल फोन से अपने दोस्त रिजवान को बताया। इसके बाद वह बाइक पर झूंसी में ही अपने रिश्तेदार जमील के घर गया और बताया कि उसे गोली मार दी गई है। इसके बाद दोस्त और रिश्तेदार ने उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया।
करीब चार बजे एसआरएन चौकी प्रभारी मोहन सिंह ने दारागंज इंस्पेक्टर कमलेश को इस बारे में बताया तो वह अस्पताल पहुंच गए। इंस्पेक्टर के मुताबिक, आफताब ऑपरेशन थिएटर में था इसलिए उससे बात नहीं हो सकी, मगर घटना फिलहाल संदिग्ध है। परिजनों का भी कहना है कि उनकी किसी से रंजिश नहीं है। फिर उसे गोली किसने मारी, यह रहस्य बना है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आफताब ने खुद कमर में तमंचा खोंस रखा था जिससे फायर हो गया। जांच हो रही है।
इलाहाबाद - शास्त्री पुल पर मंगलवार दोपहर बाइक सवार युवक आफताब गोली लगने से घायल हो गया। वह हंडिया से शहर आ रहा था तभी उसके पेट में गोली लगी। घायलावस्था में उसने पहले दोस्त को फोन किया फिर खुद बाइक मोड़कर झूंसी में अपने रिश्तेदार के पास जाकर घटना के बारे में बताया। उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से पुलिस ने दारागंज थाने में सूचना दी। दारागंज के साथ ही झूंसी पुलिस ने अस्पताल जाकर युवक से इस बाबत जानकारी ली।
हंडिया कस्बे में रहने वाले नन्हे के तीन पुत्रों में दूसरे नंबर का आफताब (27) अपने चाचा बन्ने के साथ रहकर फलों का धंधा करता है। चाचा बन्ने सब्जी की दुकान लगाते हैं। मंगलवार दोपहर वह चाचा को बताए बिना बाइक पर शहर के लिए रवाना हो गया। करीब दो बजे शास्त्री पुल पर कुछ ही दूर जाते ही उसके पेट पर गोली धंसी। वह चीखते हुए बाइक समेत लुढ़क गया। फिर उसने मोबाइल फोन से अपने दोस्त रिजवान को बताया। इसके बाद वह बाइक पर झूंसी में ही अपने रिश्तेदार जमील के घर गया और बताया कि उसे गोली मार दी गई है। इसके बाद दोस्त और रिश्तेदार ने उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया।
करीब चार बजे एसआरएन चौकी प्रभारी मोहन सिंह ने दारागंज इंस्पेक्टर कमलेश को इस बारे में बताया तो वह अस्पताल पहुंच गए। इंस्पेक्टर के मुताबिक, आफताब ऑपरेशन थिएटर में था इसलिए उससे बात नहीं हो सकी, मगर घटना फिलहाल संदिग्ध है। परिजनों का भी कहना है कि उनकी किसी से रंजिश नहीं है। फिर उसे गोली किसने मारी, यह रहस्य बना है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आफताब ने खुद कमर में तमंचा खोंस रखा था जिससे फायर हो गया। जांच हो रही है।
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