*बाढ़ प्रभावित गांव के लोग मूलभूत सुविधओं से वंचित होकर खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर* - ibn24x7news
test banner
loading...

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here
loading...

Friday, September 1, 2017

*बाढ़ प्रभावित गांव के लोग मूलभूत सुविधओं से वंचित होकर खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर*

भेलसर फैजाबाद - हर माता-पिता की यह ख्वाहिश होती है कि उसके कम से कम एक बेटी और एक बेटा जरूर हो जिससे उसे पढ़ा लिखा कर बेटी की डोली को विदा करें और कन्यादान करें और अपने बेटे के लिए भी दुल्हनिया लाये लेकिन जरा सोचिए कि यदि कोई बेटी से विवाह करने से कतराए या उसके घर कोई अपनी बेटी भेजने को तैयार न हो तो ऐसे में मां बाप के ऊपर क्या बीता होगा इसका अंदाजा आप सुनने  से लगा सकते हैं हम बात कर रहे हैं भारी बाढ़ और  आगरा नदियों की कछार पर बसे बाढ़ प्रभावित गांव की यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं इस गांव के लोग अपने रिश्तेदारों से जुगाड़ लगा कर अपनी बेटी व बेटा की शादी करते हैं क्योंकि बाढ़ के कहर से हर वर्ष बसना और उजाड़ना इनकी किस्मत बन गई है तहसील रुदौली के बाढ़ प्रभावित गांव कैथी नूरगंज सराय नासिर , पस्टामाफी, महंगू का पुरवा गांव आजादी  के 70 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं  जैसे सड़क ,बिजली,-पानी, आवास व शिक्षा आदि  से वंचित हैं क्षेत्र के लोग नदी से सटे गांव में अपनी लड़कियों का विवाह करने से कतराते हैं परिजन अपनी बेटी और बहन को घर बैठा कर रखना बेहतर समझते हैं लेकिन इन  गांवों  से बेटी बेटे का रिश्ता नहीं करना चाहते दरअसल  रुदौली तहसील क्षेत्र के यह गांव हर वर्ष बाढ़ की चपेट में रहते हैं इसकी वजह से कोई अपनी बेटी का ब्याह इनके यहां नहीं करना चाहता है  हाल तो यह है यहां अब दुल्हन की डोली बड़े जुगाड़ लगाने के बाद ही आती है साल-दर-साल कुंवारे लड़कों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है रिश्तेदारों से जुगाड़ लगाने के बाद ही यहां से  बैंड बाजे के साथ  भेजे के साथ बारात जाने के साथ ही बारात जाने का मौका मिलता है बाढ़ के कहर की वजह से महंगू का पुरवा गांव में कुछ  कुंवारों के व्याह करने के अरमान पर पानी फिर रहा है। रुदौली तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित करीब आधा दर्जन गांव ऐसे है जहां शादियों का ग्राफ साल दर साल कम हो रहा है विगत वर्ष में यहां किसी कुंवारों  के सिर पर विवाह का मोर नहीं बंधा है घर के बड़े-बूढ़े  लड़कियों के तो सम्बन्ध तै कर आते हैं  पर कोई अपनी लड़की का संबंध में जोड़ने नहीं आता तहसील क्षेत्र का महंगू पुरवा गांव ऐसा है जो बाढ़ के कारण हर साल तबाह होता है बाढ़ के कारण उजड़ना  और बसना उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है मंहगू का पुरवा  गांव के ग्रामीणों शरन  यादव, नानक, ननकू, राम नयन,व  हनुमान बताते हैं की कटान और बाढ़ के कारण लोग बेटी का रिश्ता लेकर नहीं आते हैं बाढ़ के दौरान नाते रिश्तेदारों से संपर्क कट जाता है जहां जमा पूंजी को भी बढ़  नुकसान पहुंचाती है इससे  लोग बेटी व्याहने से डरते हैं इन लोगों ने बताया कि बिजली का आलम यह है कि बिजली के खंभे लगे हैं कनेक्शन भी  दिए गए  हैं लेकिन बिजली कब आए कब जाए कोई ठिकाना नहीं है।

महंगू का पुरवा गांव के युवा सुनील कुमार ने बताया कि गांव में कहने को तो एक प्रथमिक विद्यालय है लेकिन इस में आए दिन कोई न कोई अध्यापक गायब रहता है जो आते भी है वह बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते इसी कारणवश  यहां के कक्षा 5 के बच्चों को  पांच  तक पहाड़ा  नहीं आता है  इसके अलावा गांव पाली मार्ग, शौचालय ,आवाज,व  पेंशन आदि की भी सुविधाओं से लोग  वंचित हैं उन्होंने बताया कि हम सभी पशु पाले हुए हैं लेकिन उनके लिए चारे का संकट खड़ा होता है तो हम सभी के लिए खाने का क्योंकि बाढ़ के का फसलें पैदा नहीं होती हैं  लोगों ने कहा कि हम सभी ने सोचा था कि सीएम योगी यहां आकर हम सभी के दुख दर्द को देखेंगे और सुनेंगे लेकिन वह भी हम सभी को दगा दे गए।संवाददाता-मो0 आलम भेलसर फैजाबाद

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here