Ibn24x7news नरकटियागंज संवाददाता चंदन गोयल
नरकटियागंज:-गांधी के कर्म भूमि नरकटियागंज के वयोवृद्ध शिक्षक पंडित हंकारमणि तिवारी का आज सुबह निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वे नियमित क्रिया से निवृत होकर नियमित प्रातःकालीन भ्रमण से लौटने पर परिजनों को सीने में दर्द ठंढ लगने की शिकायत की, वे लोग उन्हें लेकर जब चिकित्सक के पास पहुंचे तो उन्होंने अंतिम साँस लेते हुए दुनियां को अलविदा कह दिया. नरकटियागंज प्रखण्ड के मलदहिया पंचायत अंतर्गत चेंगवना गाँव में 1927 में जन्मे पंडित हंकारमणि तिवारी ने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर नरकटियागंज के उच्च विद्यालय में शिक्षक की नौकरी की और विद्यालय के दूसरे प्रधान अध्यापक सर्वकालिक शिक्षक पंडित वासुदेव पाठक के सानिध्य में शिक्षण का कार्य किया. उसके बाद हंकार मणि तिवारी ने तीसरे प्रधान अध्यापक मनोहर राउत के सानिध्य में शिक्षण का कार्य सम्पादित किया. वे लगभग 1987 में सेवानिवृत हुए. उसके बाद वे पूर्व स्वस्थ रहते हुए सबके लिए प्रेरक बने रहे विगत रविवार को उन्होंने अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की एक बैठक नरकटियागंज नगर परिषद् के पाण्डेय टोला स्थित रामजानकी मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी को सम्मानित किया और बैठक की अध्यक्षता किया. वह कार्यक्रम उनके जीवन का अंतिम कार्यक्रम साबित हुआ. उन्होंने अपने पीछे पुत्र विजय मणि तिवारी और बधू मधुबाला तिवारी का भरा-पूरा खुशहाल परिवार छोड़ गये हैं. सूत्र बताते हैं तो पंडित हंकार मणि तिवारी ने अंतिम साँस अपने घर चेंगवना में सुबह 09 बजे लिया. उनके पुत्र विजय मणि तिवारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार गुरुवार की सुबह बलोर नदी में मंझरिया घाट स्थित तट पर संपन्न होगा. उनकी मृत्यु के साथ ही एक इतिहास का अंत हो गया.
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