Ibn24x7news भीमल कुमार दुबे सुल्तानपुर
एसडीएम सदर प्रमोद पांडेय ने तहसील सदर के तीन लेखपाल क्रमशः गिरधारी लाल यादव को कस्बा क्षेत्र ,अशोक कुमार सिंह को हसनपुर व शशि कुमार को बासी क्षेत्र से शिकायतों के चलते तबादला किया गया,ये चार्ज देकर अपने नए क्षेत्र में जाने के बजाय जमे रहे ,यहां पर कार्य प्रभावित न हो चन्द्र देव सिंह,कृष्ण कुमार दुबे,योगेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने चार्ज ले लिया है,।आदेश के उल्लंघन पर एसडीएम ने एक्शन लेते हुए जब सस्पेंड कर दिया गया तो कुछ नेताओं व अफसरों से दबाव डालना शुरू कर दिए,लेखपालो में गिरधारीलाल व अशोक सिंह यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष भी रह चुके है,सूत्रों की माने तो ये लेखपाल अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहते है अफसरों के आदेशों को न मानना इनकी आदतों में शुमार है,बताते चले कि डीएम हरेन्द्रवीर को सूचना मिली थी कि कस्बा में बेशकीमती जमीन पर लेखपाल के इशारे पर कब्जा हो रहा है ये महोदय जांच करने गए और वापस आकर डीएम को बताया कि कोई कब्जा नही हो रहा है जिसकी गहन छानबीन के लिए तत्कालीन तहसीलदार जितेंद्र गौतम को जांच मिली वे मौके पर गए तो पता चला कि निर्माण हो रहा है उस दौरान इनके खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश डीएम ने दिया था,लेकिन कोई कार्यवाही के बजाय ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।इधर तबादले का जब आदेश हुआ तो लेखपाल तबादला रोकवाने के लिए हाईकोर्ट चले गए।एसडीएम द्वारा लिए एक्शन की चंहु ओर चर्चा है,।
एसडीएम सदर प्रमोद पांडेय ने तहसील सदर के तीन लेखपाल क्रमशः गिरधारी लाल यादव को कस्बा क्षेत्र ,अशोक कुमार सिंह को हसनपुर व शशि कुमार को बासी क्षेत्र से शिकायतों के चलते तबादला किया गया,ये चार्ज देकर अपने नए क्षेत्र में जाने के बजाय जमे रहे ,यहां पर कार्य प्रभावित न हो चन्द्र देव सिंह,कृष्ण कुमार दुबे,योगेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने चार्ज ले लिया है,।आदेश के उल्लंघन पर एसडीएम ने एक्शन लेते हुए जब सस्पेंड कर दिया गया तो कुछ नेताओं व अफसरों से दबाव डालना शुरू कर दिए,लेखपालो में गिरधारीलाल व अशोक सिंह यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष भी रह चुके है,सूत्रों की माने तो ये लेखपाल अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहते है अफसरों के आदेशों को न मानना इनकी आदतों में शुमार है,बताते चले कि डीएम हरेन्द्रवीर को सूचना मिली थी कि कस्बा में बेशकीमती जमीन पर लेखपाल के इशारे पर कब्जा हो रहा है ये महोदय जांच करने गए और वापस आकर डीएम को बताया कि कोई कब्जा नही हो रहा है जिसकी गहन छानबीन के लिए तत्कालीन तहसीलदार जितेंद्र गौतम को जांच मिली वे मौके पर गए तो पता चला कि निर्माण हो रहा है उस दौरान इनके खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश डीएम ने दिया था,लेकिन कोई कार्यवाही के बजाय ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।इधर तबादले का जब आदेश हुआ तो लेखपाल तबादला रोकवाने के लिए हाईकोर्ट चले गए।एसडीएम द्वारा लिए एक्शन की चंहु ओर चर्चा है,।
No comments:
Post a Comment