बगहा पश्चिमी चंपारण(बिहार) दिवाकर कुमार की रिपोर्ट IBN24x7 News
बगहा:-प०च० चंपारण अदबी मंच के बैनर तले आयोजित " दरख्शां " किताब का विमोचन डी एम एकेडमी बगहा के प्रांगण में किया गया। जिसकी अध्यक्षता बगहा एस डी एम श्री घनश्याम मीणा जी ने किया, मुख्य अतिथि के रूप में बगहा पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार गुप्ता भी मौजूदगी रहे।
अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में न्यायपालिका के माननीय एसडीजेएम श्री अमरेश कुमार सिंह जी,माननीय मुंसिफ जनाब वसीम अकरम खान साहब,माननीय न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) जनाब फिरोज़ अकरम साहब की गरिमामय उपस्थिति रही। संचालन का काम अब्दुल गफ्फार और अविनाश पांडे ने संयुक्त रुप से किया।इस किताब के लेखक श्री चंद्रशेखर पांडे " अफ़रोज़ " साहब अमेरिका में प्रोजेक्ट इंजीनियर हैं।
जिनका आबाई गांव यमुना पूर बगहा २ में अवस्थित है और वह डी एम एकेडमी बगहा 1 के छात्र रहे हैं। उन्होंने उर्दू की इब्तेदाई तालीम नही होने के बाद भी अपने शौक़ और सीखने की ललक के चलते इंटरनेट के माध्यम से उर्दू सीखने के बाद शेर व शायरी में हाथ आज़माना शुरू किया। नतीजे के तौर पर " दरख्शां " को उन्होंने उर्दू, देवनागरी और अंग्रेजी में प्रकाशित करके एक इतिहास रचने का काम किया है।
आज के इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक थे चंपारण अदबी मंच के मुख्य संयोजक जनाब डाक्टर शकील अहमद मोईन साहब। साथ में चंपारण अदबी मंच से श्री अखिलेश्वर नाथ त्रिपाठी जी, श्री मनोज कुमार सिंह जी और जनाब अतिऊर्रहमान साहब ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता जनाब मुश्ताक अहमद साहब, राकेश सिंह,अविनाश पांडे,रबीस पांडे,महम्मद निजामुद्दीन साहब, जुगनू आलम और अब्दुल गफ्फार साहब ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में काफ़ी उत्साह के साथ सहयोग किया।
बगहा:-प०च० चंपारण अदबी मंच के बैनर तले आयोजित " दरख्शां " किताब का विमोचन डी एम एकेडमी बगहा के प्रांगण में किया गया। जिसकी अध्यक्षता बगहा एस डी एम श्री घनश्याम मीणा जी ने किया, मुख्य अतिथि के रूप में बगहा पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार गुप्ता भी मौजूदगी रहे।
अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में न्यायपालिका के माननीय एसडीजेएम श्री अमरेश कुमार सिंह जी,माननीय मुंसिफ जनाब वसीम अकरम खान साहब,माननीय न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) जनाब फिरोज़ अकरम साहब की गरिमामय उपस्थिति रही। संचालन का काम अब्दुल गफ्फार और अविनाश पांडे ने संयुक्त रुप से किया।इस किताब के लेखक श्री चंद्रशेखर पांडे " अफ़रोज़ " साहब अमेरिका में प्रोजेक्ट इंजीनियर हैं।
जिनका आबाई गांव यमुना पूर बगहा २ में अवस्थित है और वह डी एम एकेडमी बगहा 1 के छात्र रहे हैं। उन्होंने उर्दू की इब्तेदाई तालीम नही होने के बाद भी अपने शौक़ और सीखने की ललक के चलते इंटरनेट के माध्यम से उर्दू सीखने के बाद शेर व शायरी में हाथ आज़माना शुरू किया। नतीजे के तौर पर " दरख्शां " को उन्होंने उर्दू, देवनागरी और अंग्रेजी में प्रकाशित करके एक इतिहास रचने का काम किया है।
आज के इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक थे चंपारण अदबी मंच के मुख्य संयोजक जनाब डाक्टर शकील अहमद मोईन साहब। साथ में चंपारण अदबी मंच से श्री अखिलेश्वर नाथ त्रिपाठी जी, श्री मनोज कुमार सिंह जी और जनाब अतिऊर्रहमान साहब ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता जनाब मुश्ताक अहमद साहब, राकेश सिंह,अविनाश पांडे,रबीस पांडे,महम्मद निजामुद्दीन साहब, जुगनू आलम और अब्दुल गफ्फार साहब ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में काफ़ी उत्साह के साथ सहयोग किया।
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