रिपोर्ट शिव विशाल पाण्डेय IBN24x7 News
इलाहाबाद - सरकारी कर्मचारी से रिश्वत मांगना मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के बाबू को महंगा पड़ गया। बाबू की करतूत सामने आने पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई। सीएमओ को मामले का निस्तारण करके बाबू के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया।
तीरथ प्रसाद तिवारी 42 वाहिनी पीएसी नैनी इलाहाबाद में कार्यरत है। इन्हें कान में सुनाई पड़ना बंद हो गया था। डॉक्टर के रेफर करने पर उन्होंने निजी स्पीच हियरिंग सेंटर से कान की मशीन लगवाई। शासकीय कर्मचारी होने के नाते तीरथ ने विभाग में क्लेम किया। विभाग ने वेरीफिकेशन के लिए सीएमओ कार्यालय भेजा। जब काफी समय तक फाइल का वेरीफिकेशन नहीं हुआ तो तीरथ प्रसाद सीएमओ कार्यालय पहुंचे। वहां कार्यरत बाबू गोविंद सागर ने पांच हजार रुपये की मांग की।
उन्होंने तीन बार में उसे 1700 रुपये दिया। इसके बाद भी वेरीफिकेशन नहीं किया। इस पर उनके दामाद आशीष त्रिपाठी ने चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ से शिकायत की। मंत्री ने सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा, बाबू गोविंद सागर तथा पीड़ित तीरथ प्रसाद को बुलाया। वहां पता चला कि बाबू 17 साल से एक स्थान पर जमा है। उन्होंने सीएमओ व बाबू की क्लास लिया। उन्होंने तीरथ प्रसाद का काम पूरा करके बाबू को निलंबित करके एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। वहीं सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा का कहना है कि तीरथ प्रसाद के मामले को लेकर उन्होंने मंत्री सिद्धार्थनाथ को उचित जानकारी दे दी है। साथ ही दूसरे बाबू से तीरथ प्रसाद का वेरीफिकेशन करा दिया है।
इलाहाबाद - सरकारी कर्मचारी से रिश्वत मांगना मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के बाबू को महंगा पड़ गया। बाबू की करतूत सामने आने पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई। सीएमओ को मामले का निस्तारण करके बाबू के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया।
तीरथ प्रसाद तिवारी 42 वाहिनी पीएसी नैनी इलाहाबाद में कार्यरत है। इन्हें कान में सुनाई पड़ना बंद हो गया था। डॉक्टर के रेफर करने पर उन्होंने निजी स्पीच हियरिंग सेंटर से कान की मशीन लगवाई। शासकीय कर्मचारी होने के नाते तीरथ ने विभाग में क्लेम किया। विभाग ने वेरीफिकेशन के लिए सीएमओ कार्यालय भेजा। जब काफी समय तक फाइल का वेरीफिकेशन नहीं हुआ तो तीरथ प्रसाद सीएमओ कार्यालय पहुंचे। वहां कार्यरत बाबू गोविंद सागर ने पांच हजार रुपये की मांग की।
उन्होंने तीन बार में उसे 1700 रुपये दिया। इसके बाद भी वेरीफिकेशन नहीं किया। इस पर उनके दामाद आशीष त्रिपाठी ने चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ से शिकायत की। मंत्री ने सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा, बाबू गोविंद सागर तथा पीड़ित तीरथ प्रसाद को बुलाया। वहां पता चला कि बाबू 17 साल से एक स्थान पर जमा है। उन्होंने सीएमओ व बाबू की क्लास लिया। उन्होंने तीरथ प्रसाद का काम पूरा करके बाबू को निलंबित करके एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। वहीं सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा का कहना है कि तीरथ प्रसाद के मामले को लेकर उन्होंने मंत्री सिद्धार्थनाथ को उचित जानकारी दे दी है। साथ ही दूसरे बाबू से तीरथ प्रसाद का वेरीफिकेशन करा दिया है।
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