रिपोर्ट महेन्द्र शर्मा (बंटी) ibn24x7news डोंगरगढ
राजनादगांव जिले के डोंगरगढ धर्म नगरी में प्राचीन महावीर तलाब में छठ पूजा के पावन पर्व पर भक्तो ने वहाँ पहुच कर सूर्य देव को अर्य्य दिया इस तालाब में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष सूर्य देव को अर्ध्य दिया और अपने परिवार के लिए सुख शांति और मंगल कामना का मांगा अपने परिवार के लिए आशिर्वाद छठ पूजा के पावन पर्व पर सूर्य देव से
आशीर्वाद लेने वहाँ डोंगरगढ नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल भी पहुचे महावीर तालाब मांगी सारे शहरवासियों के लिए मंगल कामना दी सभी शहर वाशियो को छठ पूजा की शुभकामनाएं
तरूण ने कहा यह पर्व हमारी माता,बहनो,परिवार के लिये बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। अपने बच्चों परिवार के उज्ज्वल भविष्य को लेकर हमारी माता,बहने सूर्य देव को अर्ध्य देकर कड़क उपवास रख कर सूर्य उदय होने से लेकर सूर्य अस्त तक की पूजा करती है।
यह पर्व कार्तिक माह दीपावली के बाद रखा जाता है,इस पूजा को रामायण महाभारत श्री भागवत गीता पुराण कई वेदों में अनादिकाल से उल्लेख मिलता है ब्रम्हा पुत्र सूर्य देव ब्रम्ह पुत्री छठ माता दोनों भाई,बहन है सभी काल मे इस पर्व को संतान प्राप्ति,और परिवार के उज्जवल भविष्य के लिए ही इस पर्व का महत्व बताया गया है।
महावीर तालाब की पूजा स्थल उत्तम की व्यवस्था को भक्तो ने देखकर भक्तों ने दिया तरुण हथेल को उनके उज्जवल भविष्य और आगे बढ़ने का आशीर्वाद जहाँ शाम तक इस महावीर तालाब में सूर्य देव को अर्ध्य देने वाले उपासक यहाँ पहुचते रहे और सूर्य देव को अर्ध्य देते रहे ।
राजनादगांव जिले के डोंगरगढ धर्म नगरी में प्राचीन महावीर तलाब में छठ पूजा के पावन पर्व पर भक्तो ने वहाँ पहुच कर सूर्य देव को अर्य्य दिया इस तालाब में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष सूर्य देव को अर्ध्य दिया और अपने परिवार के लिए सुख शांति और मंगल कामना का मांगा अपने परिवार के लिए आशिर्वाद छठ पूजा के पावन पर्व पर सूर्य देव से
आशीर्वाद लेने वहाँ डोंगरगढ नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल भी पहुचे महावीर तालाब मांगी सारे शहरवासियों के लिए मंगल कामना दी सभी शहर वाशियो को छठ पूजा की शुभकामनाएं
तरूण ने कहा यह पर्व हमारी माता,बहनो,परिवार के लिये बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। अपने बच्चों परिवार के उज्ज्वल भविष्य को लेकर हमारी माता,बहने सूर्य देव को अर्ध्य देकर कड़क उपवास रख कर सूर्य उदय होने से लेकर सूर्य अस्त तक की पूजा करती है।
यह पर्व कार्तिक माह दीपावली के बाद रखा जाता है,इस पूजा को रामायण महाभारत श्री भागवत गीता पुराण कई वेदों में अनादिकाल से उल्लेख मिलता है ब्रम्हा पुत्र सूर्य देव ब्रम्ह पुत्री छठ माता दोनों भाई,बहन है सभी काल मे इस पर्व को संतान प्राप्ति,और परिवार के उज्जवल भविष्य के लिए ही इस पर्व का महत्व बताया गया है।
महावीर तालाब की पूजा स्थल उत्तम की व्यवस्था को भक्तो ने देखकर भक्तों ने दिया तरुण हथेल को उनके उज्जवल भविष्य और आगे बढ़ने का आशीर्वाद जहाँ शाम तक इस महावीर तालाब में सूर्य देव को अर्ध्य देने वाले उपासक यहाँ पहुचते रहे और सूर्य देव को अर्ध्य देते रहे ।
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