रिपोर्ट - तीरथ पनिका
Ibn24x7 News
ब्यूरो चीफ मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश,अनूपपुर - 17 अक्टूबर जिला चिकित्सालय में १२ अक्टूबर की शाम उपचार के दौरान ७ वर्षीय किशोरी प्रिंसी पटेल की उपचार के दौरान मौत पर परिजनों द्वारा ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ की गई अभ्रदता और हाथापाई की घटना के उपरांत जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में १६ अक्टूबर तक दिए गए आश्वासन के बाद दोषियों के खिलाफ
कार्रवाई नहीं होने से नाराज डॉक्टरों ने १७ अक्टूबर की सुबह सामूहिक कार्य का बहिष्कार कर दिया था। साथ ही जिला अस्पताल में परिसर में बैठक आयोजित कर सामूहिक इस्तीफे की योजना बनाई थी। जिस पर उन्होने पुलिस द्वारा थाने में मामले दर्जकर कार्रवाई नहीं करने पर १८ अक्टूबर को समस्त डॉक्टर सामूहिक रूप में इस्तीफा देने की एकमत सहमति जताई। डॉक्टरों की बैठक तथा इस्तीफे की खबर अस्पताल परिसर में संचालित पुलिस सहायता केन्द्र के चौकी प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन को दी। जहां सामूहिक इस्तीफे की खबर पर कोतवाली पुलिस प्रभारी सहित अन्य अमला जिला चिकित्सालय पहुंचा। जहां थाना प्रभारी वीबी टांडिया ने डॉक्टरों को थाने आकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की बात की। जिसके बाद डॉक्टरों का दल कोतवाली पहुंच परिजनों के खिलाफ मामले दर्ज कराए। पुलिस ने डॉक्टरों की शिकायत पर घटना के दिन ड्यूटी के दौरान रहे डॉक्टर हेमेन्द्र चौहान पिता छोटेलाल चौहान के साथ मारपीट करने वाले परिजनों में पीयूष पटेल तथा राजा पटेल दुलहरा निवासी के खिलाफ धारा ३४१, २९४, ३३२, ३५३, ५०६, १८६, ३४ तथा मप्र. चिकित्सक या चिकित्सा से सम्बंधित व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम २००८ की धारा ३४ के तहत मामला पंजीबद्ध किया। वहीं शिकायत में डॉ. हेमेंन्द्र चौहान ने बताया था कि १२ अक्टूबर को नर्मदा प्रसाद पटेल निवासी दुलहरा की ७ वर्षिय पुत्री प्रिंसी पटेल की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। जिसको लेकर परिजन आक्रोशित थे। इस बीच ६.४० बजे पियूष पटेल और राजा पटेल अस्पताल आए। उस समय मै आपातकालीन चिकित्सकीय कक्ष में अपनी ड्यूटी पर था, जिसके बाद दोनो ने मुझसे अपशब्दो का प्रयोग करते हुए धक्का मुक्की करने लगे। जिस पर हल्ला सुन ड्यूटी में कार्यरत गार्ड हरिलाल बुनकर तथा सफाई कर्मचारी सूरज राने भी आ गए और बीच बचाव करने लगे। इसी बीच पियूष और राजा ने बच्ची को जिंदा करने की बात कह जान से मारने की भी धमकी दी गई। जिसके बाद मैने घटना की जानकारी सीएमचओ, सिविल सर्जन डॉ एस.आर. परस्ते, डॉ. केबी प्रजापति तथा डॉ. विनोद कुमार को भी बताया था। जिसके बाद पुलिस ने डॉ. हेमेन्द्र चौहान की शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।
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मध्यप्रदेश,अनूपपुर - 17 अक्टूबर जिला चिकित्सालय में १२ अक्टूबर की शाम उपचार के दौरान ७ वर्षीय किशोरी प्रिंसी पटेल की उपचार के दौरान मौत पर परिजनों द्वारा ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ की गई अभ्रदता और हाथापाई की घटना के उपरांत जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में १६ अक्टूबर तक दिए गए आश्वासन के बाद दोषियों के खिलाफ
कार्रवाई नहीं होने से नाराज डॉक्टरों ने १७ अक्टूबर की सुबह सामूहिक कार्य का बहिष्कार कर दिया था। साथ ही जिला अस्पताल में परिसर में बैठक आयोजित कर सामूहिक इस्तीफे की योजना बनाई थी। जिस पर उन्होने पुलिस द्वारा थाने में मामले दर्जकर कार्रवाई नहीं करने पर १८ अक्टूबर को समस्त डॉक्टर सामूहिक रूप में इस्तीफा देने की एकमत सहमति जताई। डॉक्टरों की बैठक तथा इस्तीफे की खबर अस्पताल परिसर में संचालित पुलिस सहायता केन्द्र के चौकी प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन को दी। जहां सामूहिक इस्तीफे की खबर पर कोतवाली पुलिस प्रभारी सहित अन्य अमला जिला चिकित्सालय पहुंचा। जहां थाना प्रभारी वीबी टांडिया ने डॉक्टरों को थाने आकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की बात की। जिसके बाद डॉक्टरों का दल कोतवाली पहुंच परिजनों के खिलाफ मामले दर्ज कराए। पुलिस ने डॉक्टरों की शिकायत पर घटना के दिन ड्यूटी के दौरान रहे डॉक्टर हेमेन्द्र चौहान पिता छोटेलाल चौहान के साथ मारपीट करने वाले परिजनों में पीयूष पटेल तथा राजा पटेल दुलहरा निवासी के खिलाफ धारा ३४१, २९४, ३३२, ३५३, ५०६, १८६, ३४ तथा मप्र. चिकित्सक या चिकित्सा से सम्बंधित व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम २००८ की धारा ३४ के तहत मामला पंजीबद्ध किया। वहीं शिकायत में डॉ. हेमेंन्द्र चौहान ने बताया था कि १२ अक्टूबर को नर्मदा प्रसाद पटेल निवासी दुलहरा की ७ वर्षिय पुत्री प्रिंसी पटेल की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। जिसको लेकर परिजन आक्रोशित थे। इस बीच ६.४० बजे पियूष पटेल और राजा पटेल अस्पताल आए। उस समय मै आपातकालीन चिकित्सकीय कक्ष में अपनी ड्यूटी पर था, जिसके बाद दोनो ने मुझसे अपशब्दो का प्रयोग करते हुए धक्का मुक्की करने लगे। जिस पर हल्ला सुन ड्यूटी में कार्यरत गार्ड हरिलाल बुनकर तथा सफाई कर्मचारी सूरज राने भी आ गए और बीच बचाव करने लगे। इसी बीच पियूष और राजा ने बच्ची को जिंदा करने की बात कह जान से मारने की भी धमकी दी गई। जिसके बाद मैने घटना की जानकारी सीएमचओ, सिविल सर्जन डॉ एस.आर. परस्ते, डॉ. केबी प्रजापति तथा डॉ. विनोद कुमार को भी बताया था। जिसके बाद पुलिस ने डॉ. हेमेन्द्र चौहान की शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।

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