देवरिया l खुखुन्दू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बाहर से तो दवायें लिखी ही जाती है और साथ ही साथ स्वास्थ्य केंद्र में लगने वाले इंजेक्शन व दावा इक्सपायर होते है और इक्सपायर दावाओं का भी चार्ज लिया जाता है।
मरीजों के विरोध करने पर डॉ0 स्वास्थ केंद्र में इंजेक्शन उपलब्ध न होने एवं बाहर से खुद इंजेक्शन मंगवाने का हवाला देते है।एक हैरत की बात यह भी है कि डॉ साहब द्वारा लिखी गयी बहार की दवा एक ही मेडिकल स्टोर पर मिल सकता है।जिसके फलस्वरूप एक मामूली बीमारी पर 300-400 रुपये खर्च हो ही जाते है।
और गरीब मजदूर लोग इन दावाओं को खरीदने में असमर्थ होते है इस लिए गरीबों को इन इक्सपायरी दावाओं का प्रयोग करना पड़ता है सरकार गरीबों को मुफ्त इलाज का ढोल पीट रही है।और यहाँ डॉ0 गरीबो के आर्थिक शोषण पर उतारू है।
और गरीब मजदूर लोग इन दावाओं को खरीदने में असमर्थ होते है इस लिए गरीबों को इन इक्सपायरी दावाओं का प्रयोग करना पड़ता है सरकार गरीबों को मुफ्त इलाज का ढोल पीट रही है।और यहाँ डॉ0 गरीबो के आर्थिक शोषण पर उतारू है।
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