फतेहगंज पश्चिमी मीरगंज। इस साल किसानों ने जब गन्ना बोया तो उम्मीद थी कि खेती का फल भी मीठा मिलेगा। वजह, पिछले पेराई सत्र में गन्ना मूल्य सरकार ने नहीं बढ़ाए थे। ऐसे में इस साल किसानों को पूरी उम्मीद थी कि सरकार इस बार समर्थन मूल्य बढ़ाएगी। हालांकि चालू पेराई सत्र के लिए जो समर्थन मूल्य घोषित हुआ, उससे किसानों का मन खट्टा हो गया। वजह, इस बार भी सरकार ने समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया। चालू पेराई सत्र में चीनी मिलें अगेती 325 रुपये, सामान्य प्रजाति 315 रुपये व अनउपयुक्त प्रजाति प्रति कुंतल गन्ना 310 रुपये भुगतान करेंगी।
गत पेराई सत्र के गन्ना मूल्य और ढुलाई भाड़े को यथावत रखा गया है। बाहरी क्रय केंद्रों से मिल गेट तक गन्ना ढुलाई भाड़े की कटौती 42 पैसे प्रति कुंतल प्रति किलोमीटर और अधिकतम आठ रुपये 35 पैसे प्रति कुंतल रहेगी। जिले में 3.22 लाख हेक्टेयर खेतों में गन्ना बोया जाता है।
एक बीघा में करीब 40 कुंतल पैदावार
क्षेत्र में एक बीघा में 30 से 40 कुंतल गन्ना की पैदावार हो रही है। 40 कुंतल गन्ना होने पर किसान को सिर्फ 20-25 हजार रुपये ही मिल सकेंगे। खेतों में गन्ना फसल उगाकर किसान पछता रहे हैं।
लागत बढ़ी, गन्ना मूल्य वही गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होने और लगातार लागत बढ़ने से किसान पर दोहरी मार पड़ रही। गन्ना किसानों का कहना है कि डीजल की कीमतें, मजदूरी, किराया, उर्वरक मूल्य आदि के बढ़ने से गन्ना की फसल की लागत पिछले साल के मुकाबले 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
रिपोर्ट कपिल यादव ibn24x7news बरेली
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