देवरिया के बरियारपुर में सड़क के किनारे झाड़ी में शनिवार की सुबह एक नवजात बच्ची मिली। बच्ची को देखने लोगों की भीड़ जमा हो गई, पर कोई अपनाने को तैयार नहीं था। तभी गांव के अरविन्द अपनी पत्नी के साथ पहुंच गए। अरविन्द ने बच्ची को न सिर्फ अपनाया, बल्कि उसको इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। अरविन्द के पहले से दो बेटे हैं, पर उन्हें बेटी की कमी खल रही थी।
सदर कोतवाली क्षेत्र के बरियारपुर साहू टोला के रहने वाले अरविन्द राजभर का विवाह 10 वर्ष पूर्व संगीता के साथ हुआ था। वह हरेराम चौराहे पर दूसरे की दुकान में वेल्डिंग का कार्य करते हैं। उनके आशुतोष और आलोक दो पुत्र है। अरविन्द को कोई बेटी नहीं थी। शनिवार की सुबह बरियारपुर और बैकुंठपुर मार्ग पर साहू टोला के समीप झाड़ी में एक नवजात बच्ची मिली।
आस पास के लोगों ने बच्ची को बाहर निकालकर पुलिस को सूचना दिया। जानकारी होते ही अरविन्द अपनी पत्नी संगीता के साथ पहुंच गए। दोनों ने बच्ची को अपनाने की बात कही। लोगों की सहमति के बाद ग्राम प्रधान ने बच्ची को संगीता को दे दिया। दोनों पति पत्नी उसे लेकर महिला अस्पताल पहुंचे और उसका इलाज कराया। जहां उसकी स्थिति पहले से ठीक है। अरविन्द अरविन्द का कहना है कि भगवान ने मेरे बेटों के लिए इसे भेजा है। रक्षा बंधन के दो दिन पहले लड़की मिली है। बेटों की कलाई अब सुनी नहीं रहेंगी।
AUP NEWS NETWORK
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