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Tuesday, October 22, 2019

एडीजी साहब ये कैसा आदर्श मार्ग?

 

 

रीगल तिराहे से पलासिया चौराहे को पुलिस ने बनाया है आदर्श मार्ग
– पैदल चलने वालों के लिए मार्ग पर जगह ही नहीं, फुटपाथ को बना रखा है पार्किंग

इंदौर-   कहते हैं किसी भी दूसरे को सुधारने से पहले खुद को सुधरना पड़ता है। ताकि हम उसे अपना उदाहरण दे सकें। लेकिन इन दिनों सड़कों पर पुलिस द्वारा खुद की हंसी उड़ाई जा रही है। रीगल तिराहे से पलासिया चौराहे तक के करीब दो किलोमीटर के एमजी रोड़ के इस हिस्से को पुलिस ने आदर्श मार्ग बनाया है।

एडीजी वरूण कपूर सहित पुरा पुलिस अमला लंबे समय से शहर के यातायात को सुधारने के प्रयास में लगा है जो एक बड़ी समस्या है। तीन महीने तक यहां कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा वाहन चालकों को जागरूक करने की योजना बनाई गई है। लेकिन जब हमने इस आदर्श मार्ग को लाइव स्केन किया तो देखा की मार्ग पर पैदल चलने वालों के लिए तो जगह ही नहीं है। सिग्नल भी बंद पड़े हैं। फुटपाथ पर कब्जे और मल्टियों की पार्किंग बन गई है। तो क्या एडीजी साहब हम एसा आदर्श मार्ग चाहते हैं? शहर के हर मार्ग हम एसे ही चाहते हैं, क्योंकि आदर्श तो वही होता है जिसको देखकर दूसरे भी उसका पालन करें।

– 11 अक्टूबर को हुई थी शुरूआत
दरअसल विजन 2022 को लेकर 11 अक्टूबर को रीगल तिराहे से इसकी शुरूआत की गई थी। एडीजी वरूण कपूर ने फीता काटकर इसकी शुरूआत की थी। 6 बिंदु जिसमें हेलमेट पहनना, रांग साईड गाड़ी नहीं खड़ी करना, सीट बेल्ट लगाना, रांग साईड वाहन नहंी लाना, वाहन चलाते समय मोबाईल का उपयोग नहीं करना और बेवजह हार्न नहीं बजाना शामिल थे। कहा गया था की तीन से चार माह तक योजन चलेगी। इसके लिए १५०० विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन भी हुए थे।

– रीगल की तरह ही पलासिया पर भी कब्जा
आदर्श मार्ग की सबसे ज्यादा माखौल रीगल तिराहे और पलासिया चौराहे पर ही उड़ रहा है। जिस तरह रीगल तिराहे की शुरूआत से ही फुटपाथ गायब है उसी तरह पलासिया चौराहे के भी यही हाल है। यहां रोड़ पर लेफ्ट टर्न की तरफ लोगों को सड़कों पर ही चलना पड़ रहा है। फुटपाथ पर दुकानें, कब्जे और गाडिय़ा खड़ी है। यहां से जब वापस यु टर्न लेकर हम इंद्रप्रस्थ चौराहे तक आए तो सिर्फ हुकमचंद घंटा घर के बाहर फुटपाथ बना था। लेकिन यहां भी जब साऊथ तुकोगंंज के लिए लेफ्ट टर्न लेते हैं तो वहां फुटपाथ गायब है। आदर्श मार्ग पर यहंा लोगों ने लेफ्ट टर्न भी नहीं छोड़ा और यहीं खड़े हैं। यहां से आगे बढ़े और जब हाईकोर्ट तिराहे तक आए तो बीच में जितनी ईमारते थे सभी की गाडिय़ा फुटपाथ पर थी। दो कार शोरूम संचालकों ने तो कंपनी की गाडिय़ों को भी फुटपाथ पर ही खड़ा कर रखा था। हाईकोर्ट तिराहे से रीगल तक जरूर फुटपाथ बना है, लेकिन यहां भी सुलभ कॉम्पलेक्स फुटपाथ पर ही बना दिया गया है।

रीशुरूआत से ही नहीं फुटपाथ

गल तिराहे से हमने मार्ग को स्केन करना शुरू किया। यहां से जब पलासिया की तरफ बढ़ते हैं तो हाईकोर्ट तिराहे तक कोई फुटपाथ नहीं है। दो पेट्रोल पंप और मल्टियां बनी है जिन्होंने फुटपाथ की जगह को पार्किंग में तब्दील कर रखा है। यहां से जिन लोगों को आना जाना था वे सड़कों पर ही आ जा रहे थे। यहां से आगे बढ़े तो हाईकोर्ट तिराहे के सारे सिग्नल बंद पड़े हैं। यहां सिटी सेंटर पर फुटपाथ था, लेकिन इसके जैसे ही आगे बढ़े तो दरगाह के आसपास कब्जे और रोड़ तक दुकाने लगी है। यहां से निगमायुक्त के बंगले तक फुटपाथ पर पुरी तरह कब्जे हैं। यहां से एमजी रोड़ पर बने सरकारी बंगलो के बाहर फुटपाथ है। इससे जैसे ही हम आगे बढ़े तो फिर कमर्शियल ईमारतों के शुरू होते ही फुटपाथ पर कब्जे शुरू। यहां टे्रजर आईलेंड माल का फुट ओव्हर ब्रिज भी फुटपाथ की जगह पर बना है जहां आसपास सड़क पर गाडिय़ा खड़ी है। इसके आगे भी सभी ईमारतों के बाहर फुटपाथ पर कब्जे हैं।

सिग्नल ही बंद, राम भरोसे ट्रेफिक

दिन के 12 बजे हैं और हम इंद्रप्रस्थ चौराहे पर है। यहां चारो तरफ के सिग्नल अपने हिसाब से संकेत दे रहे हैं औरवाहन चालक भी अपने हिसाब से ही चल रहे हैं। यहां लेफ्ट टर्न पर भी फुटपाथ नहीं है, जो है वह पार्किंग है और गाडिय़ा खड़ी है। यहां से पलासिया के लिए बढ़े तो यहां भी पुरे मार्ग कीतरह यही हाल है। दरअसल अधिकांश ईमारतों ने जहां फुटपाथ है उनको अपनी कॉमन पार्किंग से मिला दिया है। निजी सुरक्षा गार्ड फुटपाथ तक पुरे दिन गाडिय़ों को लगवाते हैं, लेकिन यातायात पुलिस इनका चालान नहीं बनाती। जबकि यहां से पैदल निकलने वाले लोगों को सड़कों पर चलना पड़ता है जिससे हमेंशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

 

रिपोर्ट कंवलजीत सिंह ibn24x7news

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