अनूपपुर,कपिलधारा(मध्यप्रदेश) - रामकृष्ण विवेकानन्द विद्यापपीठ विद्यालय कपिल धारा में मां शारदा जी का जन्मोत्सव मनाया गया - ibn24x7news
test banner
loading...

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here
loading...

Tuesday, December 12, 2017

अनूपपुर,कपिलधारा(मध्यप्रदेश) - रामकृष्ण विवेकानन्द विद्यापपीठ विद्यालय कपिल धारा में मां शारदा जी का जन्मोत्सव मनाया गया

रिपोर्ट तीरथ पनिका IBN24x7NEWS ब्यूरो चीफ मध्यप्रदेश



अनूपपुर,कपिलधारा(मध्यप्रदेश) - मां शारदा की 165वीं जयंती का पालन शनिवार को  नगर पालिका बिजुरी के विभिन्न स्थानों पर किया गया। इस मौके पर विभिन्न जगहों पर आयोजित धाíमक कार्यक्रमों में सैकड़ों की संख्या में भक्त उमड़े।
मुख्य कार्यक्रम रामकृष्ण विवेकानन्द विद्यापपीठ कपिल धारा में किया गया। सुबह विशेष पूजा पाठ व मंगल आरती के साथ यहां धाíमक कार्यक्रम की शुरुआत की गई।इसके अलावा गीत-संगीत व भजन-कीर्तन के माध्यम से भी भक्तों ने मां शारदा की महिमा की स्तुति की। वहीं धर्म सभा के माध्यम से भी भक्तों ने परस्पर चर्चा कर मां शारदा की महिमा का गुणगान किया। दोपहर के पश्चात भी विद्यालय की ओर से सैकड़ों लोगों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया।

 कार्यक्रम के आयोजन में एस ई सी एल हसदेव क्षेत्र के क्षेत्रीय वित्त प्रबंधक पंतजलि चट्टोपाध्याय,वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक के सुरेश,ए के श्रीवास्तव,विद्यालय की प्राचार्या गायत्री जी,सतीश बघेल,कुलदीप दीप,नीरज,बलराम त्रिपाठी,राजकमल त्रिपाठी ,अरूप भट्टाचार्य,दीप्ती पांडेय ,वार्ड 7 की पार्षद आशा राजेश रजक  समेत स्टाप के सभी लोगों ने सक्रिय योगदान दिया।प्राचार्या गायत्री  ने कहा कि हमलोग हर वर्ष यहां मां शारदा की जयंती, भक्त सम्मेलन, पहली जनवरी को कल्पतरू उत्सव आदि विशेष धाíमक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस दौरान कालरी एवम नगर  के विभिन्न जगहों से सैकड़ों श्रद्धालु यहां जुटते हैं। 

मां शारदा की 165वीं जयंती पूरी निष्ठा व श्रद्धा के साथ मनाई गई। इसे लेकर पूरे दिन कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहा। प्राचार्या गायत्री  ने बताया कि मां शारदा की जयंती पर शनिवार को तड़के धर्मयज्ञ, इसके पश्चात वेदांत पाठ, चंडीपाठ और कथामृत के साथ ही मां की जीवनी का पाठ भी किया गया। बच्चों के लिए रंगारंग व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। जिससे बच्चे मां की जीवनी से प्रेरणा ले सके। बाल्यकाल में ही उनके मन में मां की वाणी और व्यक्तित्व का प्रभाव पड़ सके। उक्त कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए 

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here