Ibn24x7news संवाददाता-मो0 आलम शेख भेलसर फैजाबाद
भेलसर फैज़ाबाद:;--चिकित्सकों को भले ही धरती का भगवान समझा जाता हो, लेकिन मरीजों के प्रति उनमें मानवीय संवेदनाएं भी जैसे मर चुकी हैं। सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मवई में नसबंदी के बाद महिलाओं को बेसहारा छोड़ दिया गया। उन्हें घर जाने के लिए खुद के परिवहन की व्यवस्था करनी पड़ी ऐसे हालात में जिम्मेदार अस्पताल छोड़कर चले गए। कोई भी चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नही रहा महिलाओं के साथ तीमारदार एंबुलेंस का इंतजार करते रहे।लेकिन जब काफी देर तक एम्बुलेंस नही आई तो किसी तरह भीषण ठंड में अपने घर गए ।
मवई ब्लॉक क्षेत्र की सीएचसी मवई पर सोमवार को नसबंदी कैंप था।जिले से आई टीम ने 18 महिलाओं की नसबंदी चिकित्सा प्रभारी डॉ अखिलेश उपाध्याय और डॉ अर्चना वर्मा की देखरेख में हुई। टीम करीब 5 बजे चली गई। बताया जाता है कि घर वापस भेजने का कोई प्रबंध नहीं किया गया था।और कुछ परिवारीजन अपनी व्यवस्था करके मरीजों को लेकर चले गए जबकि नेवरा गांव की संगीता और अमर सिंह ,सहित तीन चार मरीज शाम तक अस्पताल में फर्श पर पड़ी रही। उन्हें असहनीय पीड़ा हो रही थी।इनके परिजन भी बैठे थे। इनके घर जाने की कोई व्यवस्था किए बगैर जिम्मेदार अस्पताल छोड़कर चले गए थे। वहां सिर्फ मरीज और तीमारदार ही मौजूद थे। तीमारदारों का कहना था कि घर जाने के लिए कोई वाहन का इंतजाम नहीं है।
इनसेट-हो सकता है संक्रमण
नसबंदी के बाद महिलाओं को प्राइवेट वाहनों पर लेटा दिए जाने से टंका टूट सकता है और संक्रमण हो सकता है। ऐसे में उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है। यह बात स्वास्थ्य विभाग से बेहतर कौन समझ सकता है। इसके बावजूद सुरक्षित घर नही भेजवाया गया ।
सीएमओ डॉ अशोक गुप्ता ने बताया कि जानकारी कर रहे है । मामले की जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।
भेलसर फैज़ाबाद:;--चिकित्सकों को भले ही धरती का भगवान समझा जाता हो, लेकिन मरीजों के प्रति उनमें मानवीय संवेदनाएं भी जैसे मर चुकी हैं। सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मवई में नसबंदी के बाद महिलाओं को बेसहारा छोड़ दिया गया। उन्हें घर जाने के लिए खुद के परिवहन की व्यवस्था करनी पड़ी ऐसे हालात में जिम्मेदार अस्पताल छोड़कर चले गए। कोई भी चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नही रहा महिलाओं के साथ तीमारदार एंबुलेंस का इंतजार करते रहे।लेकिन जब काफी देर तक एम्बुलेंस नही आई तो किसी तरह भीषण ठंड में अपने घर गए ।
मवई ब्लॉक क्षेत्र की सीएचसी मवई पर सोमवार को नसबंदी कैंप था।जिले से आई टीम ने 18 महिलाओं की नसबंदी चिकित्सा प्रभारी डॉ अखिलेश उपाध्याय और डॉ अर्चना वर्मा की देखरेख में हुई। टीम करीब 5 बजे चली गई। बताया जाता है कि घर वापस भेजने का कोई प्रबंध नहीं किया गया था।और कुछ परिवारीजन अपनी व्यवस्था करके मरीजों को लेकर चले गए जबकि नेवरा गांव की संगीता और अमर सिंह ,सहित तीन चार मरीज शाम तक अस्पताल में फर्श पर पड़ी रही। उन्हें असहनीय पीड़ा हो रही थी।इनके परिजन भी बैठे थे। इनके घर जाने की कोई व्यवस्था किए बगैर जिम्मेदार अस्पताल छोड़कर चले गए थे। वहां सिर्फ मरीज और तीमारदार ही मौजूद थे। तीमारदारों का कहना था कि घर जाने के लिए कोई वाहन का इंतजाम नहीं है।
इनसेट-हो सकता है संक्रमण
नसबंदी के बाद महिलाओं को प्राइवेट वाहनों पर लेटा दिए जाने से टंका टूट सकता है और संक्रमण हो सकता है। ऐसे में उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है। यह बात स्वास्थ्य विभाग से बेहतर कौन समझ सकता है। इसके बावजूद सुरक्षित घर नही भेजवाया गया ।
सीएमओ डॉ अशोक गुप्ता ने बताया कि जानकारी कर रहे है । मामले की जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।
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