Ibn24x7news शिव विशाल पाण्डेय
इलाहाबाद : गरीबों को विवाह में दी जाने वाली अनुदान राशि में बंदरबांट रोकने को प्रदेश सरकार ने स्वयं ही सामूहिक विवाह कराने का निर्णय किया है। इसकी शुरुआत आज संगमनगरी इलाहाबाद से हो गई है।
संगमनगरी इलाहाबाद में आज परेड मैदान पर विशाल पंडाल में श्रमिकों की तीन दर्जन से अधिक कन्याओं का आज प्रदेश सरकार ने विवाह कराया। इस समारोह में दिव्यांग जोड़े भी विवाह के बंधन में बंधे। इनके साथ पंडाल में ही चार निकाह की सम्पन्न कराए गए। इस मौके पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ ही श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौय, आशुतोष टंडन गोपाल तथा नंद गोपाल गुप्ता नंदी मौजूद थे। सभी ने नवविवाहितों को अपना आशीर्वाद भी दिया।
इस मौके पर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए सरकार की ओर से 55 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस राशि को बिचौलिया और दलाल जरा भी बंदरबाट न कर सके, इसके लिए यह सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया है। इस समारोह में शादी के बाद ही वधु को 55 हजार रुपये का प्रमाण पत्र सौंप दिया गया। यह राशि बैंक में जमा कर दी गई है।
इलाहाबाद में परेड मैदान पर इस वृहद सामूहिक विवाह समारोह में मंत्री स्वामी प्रसाद ने कहा कि श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूरों के लिए सरकार ने कई कल्याण कारी योजनाएं संचालित की है
अब बेटी पैदा होने पर 15 हजार, बेटा पैदा होने पर 12 हजार, पहली बेटी पैदा होने पर 25 हजार रुपये खाते में जमा कराया जाएगा।
इसके साथ ही दिव्यांग बेटी पैदा होने पर 50 हजार रुपये सावधि जमा होगा। यह राशि 18 वर्ष में मेच्योर हो जाएगी, जिससे बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाई जा सकती है। इस राशि से विवाह भी कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के आयोजन प्रदेश भर में होंगे।
प्रयाग से इसकी शुरुआत हुई है। मुस्लिम समुदाय के मजदूरों की बेटियों के निकाह के लिए अलग आयोजन होगा। परेड मैदान पर आयोजित इस सामूहिक विवाह में उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी ने कन्यादान की औपचारिकता निभाई।
इस बड़े समारोह में दिव्यांग रामजी ने भी अपनी शादी रचाई। विधायक मन्नूलाल कोरी भी इस मौके पर मौजूद थे।
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