ibn24x7news बगहा पश्चिमी चंपारण(बिहार) दिवाकर कुमार की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सरकार ने की सदन की अवमानना - TSUNSS गोप गुट
बेतिया:-प.च नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने के 31अक्टूबर को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि "सरकार का यह कदम शिक्षक एवं शिक्षा विरोधी है।" उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाकर सरकार पैसों का अपव्यय करने के साथ शिक्षकों को अनावश्यक परेशान करने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर इस मामले में सदन में दिए गए अपने ही वादों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन कर सदन का भी अपमान कर रही है ! सरकार को अविलम्ब पटना हाईकोर्ट के फैसले को लागू करना चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार की हार तय है। प्राप्त सूचना के आधार पर उक्त जानकारी संघ के जिला सोशल मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार राउत ने दी ! ज्ञातव्य है की 31अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने संघ की ओर से दायर याचिका संख्या 703/2017 एवं अन्य वादों पर फैसला सुनाते हुए सरकार के सारी दलील को अमान्य करते हुए नियोजित शिक्षकों को "समान कार्य के लिए समान वेतन" देने का आदेश दिया था। माननीय हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समता का अधिकार प्राप्त है इसलिए एक ही विद्यालय में एक ही तरह का काम कर रहे शिक्षकों को दो अलग-अलग वेतनमान देना भेदभाव के समान है जो असंवैधानिक है ऐसा करने का किसी सरकार को अधिकर प्राप्त नहीं है। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात करती है तो अधिक व्यय के नाम पर राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षकों के TET STET पास होने का जिक्र करते हुए योग्यता के आधार पर भी इन शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए योग्य दावेदार बताया है।
संघ के जिलाध्यक्ष चंचल अविनाश, जिला महासचिव राजेश कुमार राय, राज्य कार्यकारिणी सदस्य औरंगजेब रजा, जिला सह संयोजक अविनाश कुमार, उपाध्यक्ष उपेंद्र कुमार, सचिव त्रिभुवन पाण्डेय, प्रवक्ता शुभनारायण सोनी, जिला सोशल मिडिया प्रभारी सुनिल कुमार राउत", महिला प्रकोष्ठ प्रभारी शुभलक्ष्मी महाराज, कोषाध्यक्ष प्रशांत प्रियदर्शी, ने एक स्वर में कहा कि TET STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक RTE के प्रावधानों के तहत NCTE के सभी मापदंडों को पूरा करते हुए बहाल हुए हैं। देश के तमाम राज्यों में इन्हें सीधे सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है। बिहार में सरकार की गलत नीतियों के कारण हम नियोजित हुए हैं। पटना हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में Teacher Eligibility Test पास होने का जिक्र किया है। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है जिसने पहले हीं उत्तर प्रदेश के मामले में TET को सहायक शिक्षक के लिए योग्यता माना है। इन आधारों पर संघ ने वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण के द्वारा पहले हीं सुप्रीमकोर्ट में कैविएट दायर कर दिया है, ऐसे में सरकार की हार तय है। इसलिए सरकार अभी भी पुनर्विचार करे और हमें समान काम के लिए समान वेतन देते हुए तमाम सुविधाएं प्रदान करे।
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