रिपोर्ट शिव विशाल पाण्डेय IBN24x7 News
इलाहाबाद - झूंसी में रेलवे की करोड़ों की जमीन घोटाले की जांच से अफसरों में खलबली मच गई है। जांच के दायरे में आए तत्कालीन एडीए वीसी देवेंद्र पांडेय, सीआरओ बीएल सरोज, एसडीएम राजकुमार द्विवेदी के अलावा लेखपाल और नायब तहसीलदार को क्राइम ब्रांच ने तलब कर लिया है। इनके अलावा बसपा के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी से पूछताछ होनी है। सभी को पांच दिसंबर को क्राइम ब्रांच के आफिस में बुलाया गया है। इन अफसरों से पूछताछ के बाद तत्कालीन डीएम को बुलाया जाएगा।
पूछताछ से पहले क्राइम ब्रांच ने साक्ष्यों को जुटाना शुरू कर दिया है। अफसरों ने किन दस्तावेजों की अनदेखी की, कौन से फर्जी दस्तावेजों की जांच नहीं की, एनओसी लेने में कहां लापरवाही की गई, फाइल आगे बढ़ाने में किसकी भूमिका रही, करोड़ों की जमीन प्राइवेट लोगों के नाम कैसे चढ़ा दी गई आदि बातों को लेकर क्राइम ब्रांच ने पहले से तैयारी कर रखी है। सवालों की फेहरिस्त तैयार है, अफसरों से इन्हीं बिंदुओं पर जवाब मांगे जाएंगे।
झूंसी के कटका में रेलवे की 41 बीघा जमीन को दस्तावेजों में हेरफेर के जरिए भू माफिया के नाम कर दी गई। मामले में प्रशासन, एडीए और रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई। कमिश्नर की जांच के बाद झूंसी थाने में केस दर्ज हुआ। मामले में छह भू माफिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अब तत्कालीन अफसरों की बारी आई है।
अब तक क्राइम ब्रांच दस्तावेजों की पड़ताल में जुटी थी। साक्ष्यों को जुटाने के बाद अफसरों पर शिकंजा कसा जाने लगा है। इस घोटाले में भू माफिया, नेता, प्रशासन, एडीए और रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। चूंकि मामला बड़े अफसरों से जुड़ रहा है इसलिए शासन से अनुमति लेने के बाद क्राइम ब्रांच ने अफसरों को तलब करना शुरू कर दिया है। इससे खलबली मच गई है। खुद के बचाव के लिए अधिकारी सत्तापक्ष के नेताओं के पास दौड़ने लगे हैं।
इलाहाबाद - झूंसी में रेलवे की करोड़ों की जमीन घोटाले की जांच से अफसरों में खलबली मच गई है। जांच के दायरे में आए तत्कालीन एडीए वीसी देवेंद्र पांडेय, सीआरओ बीएल सरोज, एसडीएम राजकुमार द्विवेदी के अलावा लेखपाल और नायब तहसीलदार को क्राइम ब्रांच ने तलब कर लिया है। इनके अलावा बसपा के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी से पूछताछ होनी है। सभी को पांच दिसंबर को क्राइम ब्रांच के आफिस में बुलाया गया है। इन अफसरों से पूछताछ के बाद तत्कालीन डीएम को बुलाया जाएगा।
पूछताछ से पहले क्राइम ब्रांच ने साक्ष्यों को जुटाना शुरू कर दिया है। अफसरों ने किन दस्तावेजों की अनदेखी की, कौन से फर्जी दस्तावेजों की जांच नहीं की, एनओसी लेने में कहां लापरवाही की गई, फाइल आगे बढ़ाने में किसकी भूमिका रही, करोड़ों की जमीन प्राइवेट लोगों के नाम कैसे चढ़ा दी गई आदि बातों को लेकर क्राइम ब्रांच ने पहले से तैयारी कर रखी है। सवालों की फेहरिस्त तैयार है, अफसरों से इन्हीं बिंदुओं पर जवाब मांगे जाएंगे।
झूंसी के कटका में रेलवे की 41 बीघा जमीन को दस्तावेजों में हेरफेर के जरिए भू माफिया के नाम कर दी गई। मामले में प्रशासन, एडीए और रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई। कमिश्नर की जांच के बाद झूंसी थाने में केस दर्ज हुआ। मामले में छह भू माफिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अब तत्कालीन अफसरों की बारी आई है।
अब तक क्राइम ब्रांच दस्तावेजों की पड़ताल में जुटी थी। साक्ष्यों को जुटाने के बाद अफसरों पर शिकंजा कसा जाने लगा है। इस घोटाले में भू माफिया, नेता, प्रशासन, एडीए और रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। चूंकि मामला बड़े अफसरों से जुड़ रहा है इसलिए शासन से अनुमति लेने के बाद क्राइम ब्रांच ने अफसरों को तलब करना शुरू कर दिया है। इससे खलबली मच गई है। खुद के बचाव के लिए अधिकारी सत्तापक्ष के नेताओं के पास दौड़ने लगे हैं।
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