रिपोर्ट - विमल कुमार दूबे IBN24x7 News
लखनऊ. 15 अक्टूबर 2017 को हुए टीईटी (UPTET - 2017) की परीक्षा सवालों के घेरे में हैं। अभ्यर्थियों द्वारा टीईटी की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। अब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी टीईटी - 2017 के परीक्षा परिणाम को अपने अंतिम आदेश के अधीन कर लिया है। न्यायालय का कहना है कि इस दौरान सम्बंधित अथॉरिटी उत्तर कुंजी पर पुनर्विचार कर सकती है।
13 दिसंबर को होगी सुनवाई
मामले में जस्टिस विवेक चौधरी के अनुसार मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। इस तारीख तक प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व अन्य संबंधित पक्ष अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। जिन सवालों को लेकर आपत्ति की गई है, उनके बारे में भी संबंधित विभाग अपना पक्ष रखेंगे। वे चाहें तो अंतिम उत्तरमाला पर भी फिर से विचार कर सकते हैं। वहीं अगर कोई परिणाम जारी किए जाते हैं तो वे याचिका पर हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगे।
रिजल्ट जारी करने पर रोक
अभ्यर्थियों द्वारा दी गई याचियों ने दावा किया कि अगर आपत्तियों पर विचार नहीं किया गया तो वे कुछ अंकों की वजह से टीईटी सर्टिफिकेट पाने से महरूम रह जाएंगे, भले ही उन्होंने सही जवाब दिए हों। ऐसे में उन्हें ग्रेस अंक दिए जाएं या फिर इन सवालों को प्रश्न पत्र में से हटाया जाए। इसके लिए अंतिम उत्तरमाला को खारिज किया जाए। साथ ही हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी बनाकर उनकी आपत्तियों पर विचार किया जाए। वहीं यूपी-टीईटी 2017 के परिणाम जारी करने पर रोक के निर्देश दिए जाएं।
104 लोगों द्वारा दायर की गई याचिका
हाईकोर्ट में 104 लोगों द्वारा याचिका दायर की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मो. रिजवान व 103 अन्य की याचिका पर दिया।
लखनऊ. 15 अक्टूबर 2017 को हुए टीईटी (UPTET - 2017) की परीक्षा सवालों के घेरे में हैं। अभ्यर्थियों द्वारा टीईटी की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। अब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी टीईटी - 2017 के परीक्षा परिणाम को अपने अंतिम आदेश के अधीन कर लिया है। न्यायालय का कहना है कि इस दौरान सम्बंधित अथॉरिटी उत्तर कुंजी पर पुनर्विचार कर सकती है।
13 दिसंबर को होगी सुनवाई
मामले में जस्टिस विवेक चौधरी के अनुसार मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। इस तारीख तक प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व अन्य संबंधित पक्ष अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। जिन सवालों को लेकर आपत्ति की गई है, उनके बारे में भी संबंधित विभाग अपना पक्ष रखेंगे। वे चाहें तो अंतिम उत्तरमाला पर भी फिर से विचार कर सकते हैं। वहीं अगर कोई परिणाम जारी किए जाते हैं तो वे याचिका पर हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगे।
रिजल्ट जारी करने पर रोक
अभ्यर्थियों द्वारा दी गई याचियों ने दावा किया कि अगर आपत्तियों पर विचार नहीं किया गया तो वे कुछ अंकों की वजह से टीईटी सर्टिफिकेट पाने से महरूम रह जाएंगे, भले ही उन्होंने सही जवाब दिए हों। ऐसे में उन्हें ग्रेस अंक दिए जाएं या फिर इन सवालों को प्रश्न पत्र में से हटाया जाए। इसके लिए अंतिम उत्तरमाला को खारिज किया जाए। साथ ही हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी बनाकर उनकी आपत्तियों पर विचार किया जाए। वहीं यूपी-टीईटी 2017 के परिणाम जारी करने पर रोक के निर्देश दिए जाएं।
104 लोगों द्वारा दायर की गई याचिका
हाईकोर्ट में 104 लोगों द्वारा याचिका दायर की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मो. रिजवान व 103 अन्य की याचिका पर दिया।
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