रिपोर्ट दिवाकर कुमार ibn24x7news बगहा पश्चिमी चंपारण
बिहार का महापर्व सूर्योपासना सुर्य के अरग देने के साथ चार दिन से चल रहा यह लोक आस्था का पर्व सम्पन्न हो गया।सूर्यषष्ठी व्रत बिहार की पहचान है ।प्रत्येक हिन्दू व्रत की तरह छठ में भी सभी वर्णों-जातियों को यथायोग्य स्थान दिया गया है ।सूर्य ज्योतिष विद्या का केंद्र बिंदु है और छठ का अद्भुत अवसर ।काल-पुरूष की कुंडली में पंचम भाव का स्वामी है
सूर्य ।विद्या, संतान, स्मृति, सौभाग्य एवं आत्मा के प्रतिनिधि हैं सूर्य ।हृदय, पाचन तंत्र, दक्षिण नेत्र आदि भी सूर्य के क्षेत्रांतर्गत हैं।कुंडली में सूर्य की अनुकूलता के लिए अर्घ्य प्रदान करना, गेंहू और गुड़ दान करने की सलाह ज्योतिषी दिया
करते हैं।ये सारे कार्य छठ पूजा विधि से स्वतः जुड़े है। विश्व का महापर्व और उत्तरप्रदेश के कुछ भागों और लगभग भारत के सभी जगहों और विश्व के उन भागो में बिहार के व्यक्ति अवस्थित हैं वहाँ पर भी छठ मनाया गया और मानते हैं।
बिहार का महापर्व सूर्योपासना सुर्य के अरग देने के साथ चार दिन से चल रहा यह लोक आस्था का पर्व सम्पन्न हो गया।सूर्यषष्ठी व्रत बिहार की पहचान है ।प्रत्येक हिन्दू व्रत की तरह छठ में भी सभी वर्णों-जातियों को यथायोग्य स्थान दिया गया है ।सूर्य ज्योतिष विद्या का केंद्र बिंदु है और छठ का अद्भुत अवसर ।काल-पुरूष की कुंडली में पंचम भाव का स्वामी है
सूर्य ।विद्या, संतान, स्मृति, सौभाग्य एवं आत्मा के प्रतिनिधि हैं सूर्य ।हृदय, पाचन तंत्र, दक्षिण नेत्र आदि भी सूर्य के क्षेत्रांतर्गत हैं।कुंडली में सूर्य की अनुकूलता के लिए अर्घ्य प्रदान करना, गेंहू और गुड़ दान करने की सलाह ज्योतिषी दिया
करते हैं।ये सारे कार्य छठ पूजा विधि से स्वतः जुड़े है। विश्व का महापर्व और उत्तरप्रदेश के कुछ भागों और लगभग भारत के सभी जगहों और विश्व के उन भागो में बिहार के व्यक्ति अवस्थित हैं वहाँ पर भी छठ मनाया गया और मानते हैं।
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