रिपोर्ट मोहम्मद असलम ibn24x7news लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार बनने के बाद से ही लखीमपुर खीरी जनपद में वन विभाग के अफसरों ने तो घूसखोरी से तौबा कर ली है मगर शारदानगर वन रेंज की फूलबेहड बीट के एक दबंग वाचर अकरम को जरा सा भी खौफ नहीं है। वह सरेआम प्रतिबंधित पेड़ों का कटान करा रहा है। वाचर अकरम के इस कृत्य में उसका सगा भाई दनकू ठेकेदार साथ देता है। दोनों भाइयों ने मिल कर फूलबेहड इलाके की हरियाली को नष्ट कर दिया है।
बीते एक महीने में वाचर अकरम व उसके भाई दनकू ने इलाके के अन्य ठेकेदारों को अपने साथ मिलाकर जंगल से शीशम सागौन और खैर की बेशकीमती लकड़ी भी पार कर दी। वाचर अकरम के कारनामे के उजागर होने पर भी वन विभाग के अफसरों ने उसे अभयदान दे रखा है जिससे साफ जाहिर होता है कि अफसरों को भी उनके हिस्से का चढावा पहुंच रहा है तभी तो वाचर अकरम बेखौफ होकर हरियाली उजाडने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में शनिवार की रात को वाचर अकरम व ठेकेदार दनकू न फूलबेहड के चैनपुरवा गाँव में आम के हरेभरे पेड़ कटवा दिये।
इस कटान के बाबत फारेस्टगार्ड कुलदीप से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उन्हे इस बारे में सूचना नहीं है जबकि मीलपुरवा चौराहे पर मुलाकात होने पर वाचर अकरम बडी हेकडी से स्वीकार करते हुए कहा कि मैंने ही अपने भाई दनकू ठेकेदार के साथ मिल कर चैनपुरवा गाँव से आम के पेड़ कटवाये है । मैंने अपने विभाग के सभी अफसरों को पैकेट भी भेज दिया है मेरी शिकायत करने पर मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं पाओगे । वाचर अकरम के आत्मविश्वास को देख डीएफओ दक्षिण के सीयूजी फोन पर बात करनी चाही लेकिन उनके मोबाइल नंबर पर बात न हो सकी । फिलहाल वाचर अकरम की दबंगई के चर्चे फूलबेहड इलाके में हर आम शख्स की जुबानी सुन सकते हैं अब देखना यह है कि क्या वन विभाग वाचर अकरम के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या फिर उसके दिये गिफ्ट पैकेट के कारण अकरम को अभयदान मिलता है ?
लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार बनने के बाद से ही लखीमपुर खीरी जनपद में वन विभाग के अफसरों ने तो घूसखोरी से तौबा कर ली है मगर शारदानगर वन रेंज की फूलबेहड बीट के एक दबंग वाचर अकरम को जरा सा भी खौफ नहीं है। वह सरेआम प्रतिबंधित पेड़ों का कटान करा रहा है। वाचर अकरम के इस कृत्य में उसका सगा भाई दनकू ठेकेदार साथ देता है। दोनों भाइयों ने मिल कर फूलबेहड इलाके की हरियाली को नष्ट कर दिया है।
बीते एक महीने में वाचर अकरम व उसके भाई दनकू ने इलाके के अन्य ठेकेदारों को अपने साथ मिलाकर जंगल से शीशम सागौन और खैर की बेशकीमती लकड़ी भी पार कर दी। वाचर अकरम के कारनामे के उजागर होने पर भी वन विभाग के अफसरों ने उसे अभयदान दे रखा है जिससे साफ जाहिर होता है कि अफसरों को भी उनके हिस्से का चढावा पहुंच रहा है तभी तो वाचर अकरम बेखौफ होकर हरियाली उजाडने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में शनिवार की रात को वाचर अकरम व ठेकेदार दनकू न फूलबेहड के चैनपुरवा गाँव में आम के हरेभरे पेड़ कटवा दिये।
इस कटान के बाबत फारेस्टगार्ड कुलदीप से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उन्हे इस बारे में सूचना नहीं है जबकि मीलपुरवा चौराहे पर मुलाकात होने पर वाचर अकरम बडी हेकडी से स्वीकार करते हुए कहा कि मैंने ही अपने भाई दनकू ठेकेदार के साथ मिल कर चैनपुरवा गाँव से आम के पेड़ कटवाये है । मैंने अपने विभाग के सभी अफसरों को पैकेट भी भेज दिया है मेरी शिकायत करने पर मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं पाओगे । वाचर अकरम के आत्मविश्वास को देख डीएफओ दक्षिण के सीयूजी फोन पर बात करनी चाही लेकिन उनके मोबाइल नंबर पर बात न हो सकी । फिलहाल वाचर अकरम की दबंगई के चर्चे फूलबेहड इलाके में हर आम शख्स की जुबानी सुन सकते हैं अब देखना यह है कि क्या वन विभाग वाचर अकरम के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या फिर उसके दिये गिफ्ट पैकेट के कारण अकरम को अभयदान मिलता है ?
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