इलाहाबाद : यमुनापार में टोंस नदी से सटे पनासा गांव के पास देर रात पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की छापामारी में 60 ट्रक बालू पकड़ी गई। पीएसी के साथ अफसरों को देखकर मेजा और करछना से जा रहे ट्रकों के चालक-परिचालक और खनन माफिया गाड़ियां छोड़कर भाग गए। पुलिस एवं पीएसी ने बालू लदे 60 ट्रक जब्त कर लिए। इन्हें करछना, नैनी और औद्योगिक थाना क्षेत्र में खड़ा करा दिया गया है। डीएम सुहास एलवाई ने बालू के अवैध कारोबार में
नए डीएम को गोपनीय खबर मिली थी कि मेजा में लंबे अर्से से बालू का काफी मात्रा में अवैध खनन किया जा रहा है। इसमें बड़े-बड़े अधिकारी लिप्त हैं, इस सूचना के सही पाए जाने पर डीएम ने एडीएम प्रशासन, एसडीएम और सीओ के साथ पीएसी भेजकर मेजा और करछना इलाकों में संदिग्ध ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कराई। इस छापामारी में देर रात तक 60 ट्रकों में लदी बालू जब्त कर ली गई है।
सूत्रों का कहना है कि मेजा के परानीपुर और चौकी घाट से बूला का अवैध खनन किया जाता है। वहीं से ट्रकों में भर करके पनासा और करछाना से होते हुए घूरपुर में निर्माणाधीन इलाहाबाद-रीवा हाईवे में इस बालू को इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं बांदा, कानपुर तथा मध्य प्रदेश के लिए भेज दिया जाता है। खनन माफिया अवैध खनन करके इस बालू को ट्रकों से पनासा बेंदौ और सड़वा से नैनी होते हुए घूरपुर तक पहुंचाते हैं। इन इलाकों में सिर्फ रामपुर चौकी पड़ती है। आसपास के थानों की पुलिस सब कुछ पता होने के बावजूद चुप्पी साधे रहती है। इसीलिए यह रास्ता खनन माफिया के लिए मुफीद बना हुआ है।
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