सिरसा स्थित डेरा सच्चा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने आज दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई। सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में दोपहर बाद विशेष कोर्ट लगाई गई। जज जगदीप सिंह ने सजा सुनाई।
सुनवाई के दौरान राम रहीम रोने लगा। उसने जज से कहा, आप मुझे माफ कर दें। जिरह के दौरान वह दोनों वकीलों की दलीलें सुनता रहा।
मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में विशेष कोर्ट लगाई गई है। सीबीआइ के वकील व गुरमीत राम रहीम के वकील सुनारिया जेल पहुंच चुके हैं। सीबीआइ जज जगदीप सिंह भी मामले की कार्यवाही के लिए पहुंच गए हैं। सुनवाई कुछ ही देर मे शुरू होगी।
यह पहली बार होगा जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई जाएगी। राम रहीम को न्यूनतम सात साल व अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। 15 साल पुराने इस मामले में सब्र और हिंसा के बाद पीडि़त साध्वियों को न्याय मिलेगा।
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह हेलीकॉप्टर के जरिए रोहतक स्थित सुनारिया जेल पहुंचे। उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। सजा सुनाने के बाद जगदीप सिंह को तुरंत कड़ी सुरक्षा में वापस लाया जाएगा। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की 26 कंपनियां तथा पुलिस तैनात की जा चुकी है। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। यदि कोई उपद्रव होता है तो देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं
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