बेसिक टीचर ट्रेनिंग यानी बीटीसी को शासन ने सत्र 2016 से ही बॉय-बॉय कर दिया है। नए भर्ती आदेश में हर जगह डीएलएड यानी डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन दर्ज हो गया है। इस बार प्रवेश के नियमों में छिटपुट बदलाव हुआ है लेकिन कोर्स का पाठ्यक्रम, अवधि, फीस, आयु सीमा आदि पहले की तरह ही है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को मंगलवार को डीएलएड 2016 सत्र का शासनादेश मिल गया है। इसके लिए 14 जून से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।
डीएलएड की प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव यह है कि इस बार सब कुछ ऑनलाइन है। अभ्यर्थी आवेदन से लेकर फीस जमा करने व काउंसिलिंग तक की प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकेंगे। सचिव डा. सुत्ता सिंह ने मंगलवार को एनआइसी के अधिकारियों को ऑनलाइन आवेदन का कार्यक्रम मंजूरी के लिए भेजा है। सचिव ने बताया कि उन्होंने 12 जून से ही ऑनलाइन आवेदन लेने का कार्यक्रम बनाया था, लेकिन एनआइसी 14 जून से आवेदन लेने को सहमत हुआ है। बुधवार को ऑनलाइन आवेदन का पूरा कार्यक्रम जारी होने के आसार हैं। उन्होंने बताया कि डीएलएड की कक्षाएं सितंबर के दूसरे सप्ताह में आठ या नौ सितंबर से शुरू होंगी।
इस बार सीटों में भी बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि बीटीसी 2015 में जिन कालेजों में प्रवेश हुआ उन्हीं कालेजों में डीएलएड 2016 का प्रवेश होना है। ज्ञात हो कि प्रदेश में 63 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट में 10500 और 1422 निजी कालेजों में 71100 कुल 81600 सीटें हैं। यहां एक जुलाई को न्यूनतम 18 और अधिकतम 35 वर्ष पूरे करने वाले अभ्यर्थी ही डीएलएड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को पांच वर्ष और दिव्यांग अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में 15 वर्ष की छूट मिलेगी। अभ्यर्थी किसी एक जिले या गृह जिले से आवेदन कर सकते हैं। उनका आवेदन सभी जिलों के लिए मान्य होगा। इसी तरह से एससी-एसटी अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन की फीस 200 रुपये और अन्य अभ्यर्थियों के लिए 400 रुपये पहले की तरह ही है। दिव्यांग को कोई शुल्क नहीं देना है।
निजी कालेज भर सकेंगे 25 सीटें
डीएलएड के लिए प्रवेश में निजी अल्पसंख्यक कालेज केवल 50 फीसद यानी 25 सीटों पर ही अभ्यर्थियों को सीधे प्रवेश दे सकेंगे, बाकी सीटें भरने का जिम्मा डायट प्राचार्य का होगा। सचिव ने बताया कि 10 जून 2015 को सरकार ने आदेश जारी कर निजी अल्पसंख्यक कालेजों को सभी 50 सीटों पर अपने स्तर से दाखिला देने का अधिकार दिया था। हाईकोर्ट ने 50 सीटों पर सीधे प्रवेश का अधिकार दिए जाने संबंधी शासनादेश पर 9 फरवरी 2017 को रोक लगा दी थी। कोर्ट ने आधी सीटों पर निजी अल्पसंख्यक कालेज को प्रवेश देने और बची हुई 25 सीटों पर काउंसिलिंग से प्रवेश देने का आदेश दिया था। रिपोर्ट आलोक यदुवंशी देवरिया
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