रिपोर्ट मोहम्मद असलम ibn24x7news
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को खीरी जनपद के सफाईकर्मी ठेंगा दिखा रहे हैं। वह स्वयं सफाई कार्य न करके दिहाडी मजदूर से गाँव की सड़क नालों की साफ सफाई करवाते हैं जबकि वह स्वयं गाँव के
प्रधान के घर पर बैठ डींगे हांकते दिखाई देते हैं ।
ऐसा ही एक वाक्या फूलबेहड विकास खंड के मुडिया मिश्र गाँव में देखने को मिला। मुडिया मिश्र गाँव में सफाई कर रहे व्यक्ति से पूछताछ करने पर पता चला कि वह दिहाडी मजदूर है जिसे मुडिया मिश्र गाँव में तैनात सफाईकर्मी राजेश कुमार ने दिहाडी पर गाँव की सफाई का काम दे रखा है। राजेश कुमार उसको 200 रूपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी देता है ।
काफी कुरेदने पर दिहाडी मजदूर ने बताया कि गाँव में तैनात सफाईकर्मी राजेश कुमार महीने में सिर्फ चार या पाँच दिन ही गाँव आता है तथा उसे काम पर लगा कर प्रधान जी के घर चला जाता है वही पर वह उसकी मजदूरी दे देता है। इस बाबत जब सफाईकर्मी राजेश कुमार से पूछा गया तो उसने बड़ी हनक से जवाब देते हुए कि मुझे खुद झाडू लगाने की क्या जरूरत है , मै अपने अफसर को इसी बात का चढावा चढाता हूँ तथा गाँव के प्रधान को दो हजार रुपये हर महीने देकर खुश रखता हूँ ।
मुडिया मिश्र गाँव का यह वाक्या तो सिर्फ बानगी है। ऐसा नजारा लखीमपुर खीरी जिले की हर ग्राम पंचायत में आसानी से देखने को मिल जायेगा। मगर इन सफाईकर्मियों को अपने अफसरों का जरा सा भी खौफ नहीं है ऐसा नहीं है कि जिले में बैठे अफसरों को इनकी कारगुजारियों का पता नहीं है अफसर स्वयं इनसे बेगार करवाते हैं जिसके चलते अफसर इन पर कोई भी कार्रवाई करना मुनासिफ नही समझते हैं । अफसरों और सफाईकर्मियों के इस गठजोड़ के चलते मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान का सपना सिर्फ सपना बनकर रह गया है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को खीरी जनपद के सफाईकर्मी ठेंगा दिखा रहे हैं। वह स्वयं सफाई कार्य न करके दिहाडी मजदूर से गाँव की सड़क नालों की साफ सफाई करवाते हैं जबकि वह स्वयं गाँव के
प्रधान के घर पर बैठ डींगे हांकते दिखाई देते हैं ।
ऐसा ही एक वाक्या फूलबेहड विकास खंड के मुडिया मिश्र गाँव में देखने को मिला। मुडिया मिश्र गाँव में सफाई कर रहे व्यक्ति से पूछताछ करने पर पता चला कि वह दिहाडी मजदूर है जिसे मुडिया मिश्र गाँव में तैनात सफाईकर्मी राजेश कुमार ने दिहाडी पर गाँव की सफाई का काम दे रखा है। राजेश कुमार उसको 200 रूपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी देता है ।
काफी कुरेदने पर दिहाडी मजदूर ने बताया कि गाँव में तैनात सफाईकर्मी राजेश कुमार महीने में सिर्फ चार या पाँच दिन ही गाँव आता है तथा उसे काम पर लगा कर प्रधान जी के घर चला जाता है वही पर वह उसकी मजदूरी दे देता है। इस बाबत जब सफाईकर्मी राजेश कुमार से पूछा गया तो उसने बड़ी हनक से जवाब देते हुए कि मुझे खुद झाडू लगाने की क्या जरूरत है , मै अपने अफसर को इसी बात का चढावा चढाता हूँ तथा गाँव के प्रधान को दो हजार रुपये हर महीने देकर खुश रखता हूँ ।
मुडिया मिश्र गाँव का यह वाक्या तो सिर्फ बानगी है। ऐसा नजारा लखीमपुर खीरी जिले की हर ग्राम पंचायत में आसानी से देखने को मिल जायेगा। मगर इन सफाईकर्मियों को अपने अफसरों का जरा सा भी खौफ नहीं है ऐसा नहीं है कि जिले में बैठे अफसरों को इनकी कारगुजारियों का पता नहीं है अफसर स्वयं इनसे बेगार करवाते हैं जिसके चलते अफसर इन पर कोई भी कार्रवाई करना मुनासिफ नही समझते हैं । अफसरों और सफाईकर्मियों के इस गठजोड़ के चलते मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान का सपना सिर्फ सपना बनकर रह गया है ।
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