रिपोर्ट अनूप मिश्रा ibn24x7news बहराइच
बाबागंज ,बहराइच - सीमावर्ती विकासखंड नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की संलिप्तता के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही कई ग्रामीण महत्वपूर्ण योजनाएं।जहाँ एक ओर लंबे सिरे से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी व मोदी सरकार लगातार लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए शिकंजा कसने में जोर सोर अपनी ताकत झोंक रही है वहीं दूसरी ओर निडर ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान महत्वपूर्ण योजनाओं को पलीता लगाते हुए फिरते है।
ऐसा एक कड़ी ही उदाहरण के लिए विकासखंड में हो रही धांधली को समझने व समझाने के लिए काफी समझी जा
सकती है ।मालूम हो कि ग्राम पंचायत जैतापुर के कई मजरों की हालात देखी जाए तो साफ-साफ है कि देश की आजादी का समय तो अधिक बीत चुका पर यहां की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हो सका।
ग्राम गंगापुर में न बिजली न सड़क नजर डाला जाए तो विकास कार्य से यह माजरा मिलो दूर है। खंबे खड़े पर तार नहीं लटका , नालियां का तो सही अतापता ही नहीं ।सड़कों पर जलभराव कई ग्रामीणों को हाथ पैर से अपना हाथ धोना पड़ा ।
विदित हो कि इस क्रम में मोदी व योगी सरकार जहाँ स्वछ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए स्वछता को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकाई क्षेत्रों तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को कुछ शौचालय बनाने में सहायता हेतु धन का आवंटन कर रही है वही ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी आपस में दोनों का बंदरबांट करते साफ तौर पर समझे जा सकते हैं।
क्योंकि इस मजरे में कई शौचालय प्रधान जी द्वारा बनवाए गए परंतु सभी अधूरे होने के कारण मुंह चिरह्यते हुए देखे जाते है ।लाभार्थी कई बार प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के पास कार्यप्रणली पूर्ण होने के लिए गए परंतु सहयोग न मिलने पर थककर अपना भरोसा खो बैठे हैं जिससे वे इसका इस्तेमाल एकमात्र कांडा, पत्थर ,अद्धा, भूसा, आदि रखने में इस्तमाल करते पाए गए। कौन है इसका जिम्मेदार कैसे होगा सुधार क्या वास्तव में इन ग्रामीणों के मजरे का हो सकेगा विकाश इस तरह के अनेको अनेक प्रश्न इस मजरे पर उठते हैं परन्तु जिम्मेदार अधिकारी केवल चुप्पी लगाकर बैठे हैं।
बाबागंज ,बहराइच - सीमावर्ती विकासखंड नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की संलिप्तता के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही कई ग्रामीण महत्वपूर्ण योजनाएं।जहाँ एक ओर लंबे सिरे से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी व मोदी सरकार लगातार लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए शिकंजा कसने में जोर सोर अपनी ताकत झोंक रही है वहीं दूसरी ओर निडर ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान महत्वपूर्ण योजनाओं को पलीता लगाते हुए फिरते है।
ऐसा एक कड़ी ही उदाहरण के लिए विकासखंड में हो रही धांधली को समझने व समझाने के लिए काफी समझी जा
सकती है ।मालूम हो कि ग्राम पंचायत जैतापुर के कई मजरों की हालात देखी जाए तो साफ-साफ है कि देश की आजादी का समय तो अधिक बीत चुका पर यहां की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हो सका।
ग्राम गंगापुर में न बिजली न सड़क नजर डाला जाए तो विकास कार्य से यह माजरा मिलो दूर है। खंबे खड़े पर तार नहीं लटका , नालियां का तो सही अतापता ही नहीं ।सड़कों पर जलभराव कई ग्रामीणों को हाथ पैर से अपना हाथ धोना पड़ा ।
विदित हो कि इस क्रम में मोदी व योगी सरकार जहाँ स्वछ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए स्वछता को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकाई क्षेत्रों तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को कुछ शौचालय बनाने में सहायता हेतु धन का आवंटन कर रही है वही ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी आपस में दोनों का बंदरबांट करते साफ तौर पर समझे जा सकते हैं।
क्योंकि इस मजरे में कई शौचालय प्रधान जी द्वारा बनवाए गए परंतु सभी अधूरे होने के कारण मुंह चिरह्यते हुए देखे जाते है ।लाभार्थी कई बार प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के पास कार्यप्रणली पूर्ण होने के लिए गए परंतु सहयोग न मिलने पर थककर अपना भरोसा खो बैठे हैं जिससे वे इसका इस्तेमाल एकमात्र कांडा, पत्थर ,अद्धा, भूसा, आदि रखने में इस्तमाल करते पाए गए। कौन है इसका जिम्मेदार कैसे होगा सुधार क्या वास्तव में इन ग्रामीणों के मजरे का हो सकेगा विकाश इस तरह के अनेको अनेक प्रश्न इस मजरे पर उठते हैं परन्तु जिम्मेदार अधिकारी केवल चुप्पी लगाकर बैठे हैं।
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