रिपोर्ट Mohammad Aslam IBN24x7 News
बिजुआ ब्लॉक के ग्राम पंचायत गढ़ैय्या के मजरा लालूटांडा का है। गांव के ही शिवकुमार व बालकराम की शिकायत पर सीडीओ अमित बंसल ने जांच कराई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। बीडीओ महेंद्र प्रताप
यादव, जेई शिवधनी यादव एवं एडीओ (सहकारिता) यशवंत सिंह की गठित जांच कमेटी ने तैयार रिपोर्ट में पाया कि गांव की ज्योति देवी पत्नी गौतम को जो आवास है, उसका क्रमांक दरअसल कई साल पहले मर चुके दंपति के नाम पर दिया गया है।
इसके लिए गांव के ही एक बिचौलिए जगमोहन के माध्यम से भीरा की एक दुकान से सावित्री देवी पत्नी गौतम निवासी मजरा गुलाबटांडा का आधार बनाया गया, जबकि ज्योति का एक आधार पहले से था सिर्फ दूसरे आधार पर नाम बदल कर आधार नंबर पुराना ही रखा गया। इस आधार कार्ड एवं सारे दस्तावेजों को घर से 50 मीटर दूरी पर रह रहीं प्रधान ने प्रमाणित कर दिया।
वहीं दूसरे पात्र सुरेश सिंह पुत्र कामता को सूची से जिस क्रमांक पर आवास दिया गया है, उस क्रमांक पर दर्ज परिवार विवरण इनके परिवार से मैच नही कर रहा है। जब कि प्रधानमंत्री आवास सूची में इसी क्रमांक पर सुरेश सिंह पुत्र किशन सिंह दर्ज है।
तीसरा मामला भी इसी गांव का है, गांव में जिस पप्पू सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह को आवास का लाभ दिया गया, उन्होने अपने आईडी तक नही दिखाई। वहीं दूसरे कागजात में नाम पिता का नाम वीरू दर्ज है, कमेटी ने देखा कि पप्पू का एक कमरा पहले से बना हुआ है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रधान, लाभार्थी एवं गांव के जगमोहन को दोषी मानते हुए इन पर भीरा थाने में मुकदमा लिखाने के लिए तहरीर दी है। वहीं पंचायत सेक्रेटरी ओम प्रकाश भार्गव, सेक्टर प्रभारी रामदीन भाष्कर (अभि.) एवं कार्यालय के प्रेमपाल सिंह को लापरपाही से जांच करने पर विभागीय कार्यवाही की तैयारी है।
बिजुआ ब्लॉक के ग्राम पंचायत गढ़ैय्या के मजरा लालूटांडा का है। गांव के ही शिवकुमार व बालकराम की शिकायत पर सीडीओ अमित बंसल ने जांच कराई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। बीडीओ महेंद्र प्रताप
यादव, जेई शिवधनी यादव एवं एडीओ (सहकारिता) यशवंत सिंह की गठित जांच कमेटी ने तैयार रिपोर्ट में पाया कि गांव की ज्योति देवी पत्नी गौतम को जो आवास है, उसका क्रमांक दरअसल कई साल पहले मर चुके दंपति के नाम पर दिया गया है।
इसके लिए गांव के ही एक बिचौलिए जगमोहन के माध्यम से भीरा की एक दुकान से सावित्री देवी पत्नी गौतम निवासी मजरा गुलाबटांडा का आधार बनाया गया, जबकि ज्योति का एक आधार पहले से था सिर्फ दूसरे आधार पर नाम बदल कर आधार नंबर पुराना ही रखा गया। इस आधार कार्ड एवं सारे दस्तावेजों को घर से 50 मीटर दूरी पर रह रहीं प्रधान ने प्रमाणित कर दिया।
वहीं दूसरे पात्र सुरेश सिंह पुत्र कामता को सूची से जिस क्रमांक पर आवास दिया गया है, उस क्रमांक पर दर्ज परिवार विवरण इनके परिवार से मैच नही कर रहा है। जब कि प्रधानमंत्री आवास सूची में इसी क्रमांक पर सुरेश सिंह पुत्र किशन सिंह दर्ज है।
तीसरा मामला भी इसी गांव का है, गांव में जिस पप्पू सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह को आवास का लाभ दिया गया, उन्होने अपने आईडी तक नही दिखाई। वहीं दूसरे कागजात में नाम पिता का नाम वीरू दर्ज है, कमेटी ने देखा कि पप्पू का एक कमरा पहले से बना हुआ है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रधान, लाभार्थी एवं गांव के जगमोहन को दोषी मानते हुए इन पर भीरा थाने में मुकदमा लिखाने के लिए तहरीर दी है। वहीं पंचायत सेक्रेटरी ओम प्रकाश भार्गव, सेक्टर प्रभारी रामदीन भाष्कर (अभि.) एवं कार्यालय के प्रेमपाल सिंह को लापरपाही से जांच करने पर विभागीय कार्यवाही की तैयारी है।
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