*भटनी(देवरिया) - राम के वन जाने की वियोग में परलोक सिधारे राजा दरशरथ* - ibn24x7news
test banner
loading...

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here
loading...

Friday, October 13, 2017

*भटनी(देवरिया) - राम के वन जाने की वियोग में परलोक सिधारे राजा दरशरथ*

संपादक ibn24x7news

भटनी, देवरिया । भटनी क्षेत्र के मिश्रौली दीक्षित में आयोजित में रामलीला में गुरुवार की रात राजा दशरथ के वचनों पूरा करने लिए राम वनवास के लिए चले गये। साथ में जानकी व लक्ष्मण भी  वनगमन को गये। राम वनगमन के बाद शोकाकुल राजा दशरथ परलोक सिधार गये। इस मंचन के देख दर्शक भावुक हो उठे।

रामलीला की शुरूआत में भगवान राम व लक्ष्मण की आरती व वंदना किया गया।मंचन के क्रम में राजा दशरथ ने अपने का एहसास करके राम की राज्याभिषेक करने शुरु कर दी। इससे देवता गण घबरा गये कि राम का राज्याभिषेक हो गया तो असुरों का अंत नहीं हो पाएगा। इसपर मां सरस्वती रानी कैकेयी की दासी मंथरा के जिह्वा पर वास कर जाती है और कैकेयी को भरत के राज्याभिषेक और राम को चौदह वर्ष वनवास की मांग राजा दशरथ से करने सलाह देती है। पहले रानी को बुरा लगता है लेकिन बाद में मान जाती है और राजा से हठ कर दोनों वचन ले लेती है। पिताजी के वचनों पूरा करने लिए राम वन जाने को तैयार हो जाते है। साथ ही हठकर सीता व लक्ष्मण भी  राम के साथ वन को जाते है। इसपर राजा अपने मंत्री सुमंत को रास्ते से मनाकर लाने को भेजते है। परन्तु सुमंत के  खाली हाथ लौटने पर दशरथ इतना शोकाकुल हो गये कि पुत्रमोह में परलोक सिधार गये। यह मर्माहत दर्श्य देखकर सभी की आंसू छलक गये।
मंचन में राम के रूप में कन्हैया  दीक्षित , लक्ष्मण अमन दीक्षित, सीता विकास तिवारी, दशरथ कैलाश  दीक्षित , कैकेयी मन्नू पांडेय व सुमंत व्यास दीक्षित ने शानदार किरदार निभाया। इस मौके पर संचालक लक्ष्मण दीक्षित व उमाशंकर तिवारी, प्रभाकर शुक्ला , संजय दीक्षित , मारकंडेय    दीक्षित , करूणेश, चंदन आदि प्रमुख रुप से मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here